Covid 19 speech : Corona se hone wali hani speech in hindi, कोरोना से होने वाले हानी पर भाषण

Corona se hone wali hani speech in Hindi
WHO यानी कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहली बार 11 मार्च 2020 को कोविड-19 के संकट को भयानक महामारी के रूप में घोषणा किए। इसका कारण यह था कि लगातार मरीजों की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही थी और भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कई लोगों की मौत भी हो चुकी थी। कोरोनावायरस काल संक्रमण का एक ऐसा दौर रहा, जिसने लोगों को घर पर रहने के लिए मजबूर कर दिया। इसका असर भारत के अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि पर साफ देखने को मिला। यदि बात करें कोरोना से होने वाली हानि (corona se hone wali hani speech in hindi) की तो इसे निम्नलिखित रुप से देखा जा सकता है-
कोरोनावायरस की पहली और दूसरी लहर तो घातक थी ही, साथ ही साथ इसकी तीसरी लहर भी लोगों के लिए काफी जानलेवा साबित हुई। कोरोना काल के दौरान लोगों को कई ऐसी बीमारियों का सामना करना पड़ा, जो मुख्य रूप से संक्रमण के कारण उत्पन्न होते हैं। जिका वायरस, ब्लैक फंगस, डेल्टा वेरिएंट आदि कोरोनावायरस के ही कई रूप रहे, जो अत्यंत घातक साबित हुए। कोरोना काल के समय लाखों की संख्या में लोगों की मृत्यु हो गई। कोरोना के लक्षण पाए जाने पर लोगों को अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा। कई बार तो ऐसी स्थिति भी उत्पन्न हुई कि अस्पतालों में जगह खाली नहीं होने के कारण घर पर ही लोगों की मौत हो गई, जो व्यक्ति के पूरे परिवार के लिए बेहद दर्दनाक रहा। कई व्यक्तियों की अकस्मात मृत्यु हो जाने से पूरा माहौल डर के घेरे में जीने लगा, जिससे लोगों के मानसिकता पर बहुत बड़ा एवं बुरा प्रभाव पड़ा।
कोरोना काल के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गई। भारत की अर्थव्यवस्था में कोरोना काल के कारण आर्थिक वृद्धि दर में बहुत बड़ी गिरावट देखी गई। कोरोनावायरस के संक्रमण से भारत के साथ विभिन्न देशों के संबंधों में भी काफी उतार-चढ़ाव देखे गए। इसका कारण यह है कि भारत के साथ कई देशों की कड़ी बनी हुई थी, जिसका मुख्य आधार आयात-निर्यात था लेकिन कोरोना काल के समय विभिन्न आवश्यक सामानों जैसे अनाज, वस्त्र, कच्चा माल आदि के आयात-निर्यात को भी रोकना पड़ा, जिससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कोरोना काल के समय सभी तरह के व्यवसाय बंद पड़ गए, जिससे लोगों की कमाई पूरी तरह से ठप्प हो गई।
कोरोना काल के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा नुकसान देखा गया। उस समय शिक्षा सबसे अधिक प्रभावित हुई, जिसका असर आज भी साथ देखा जा सकता है। कोरोना काल के समय सरकार के द्वारा जारी किए गए गाइडलाइंस के मुताबिक सभी प्राथमिक विद्यालयों से लेकर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को बंद रखा गया था और ऑनलाइन शिक्षा माध्यम चालू कर दिए गए थे। उस समय में विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जारी रखनी पड़ी, जिससे उन्हें शिक्षकों का सही गाइडेंस नहीं मिल सका और साथ ही साथ विद्यालयों के द्वारा आयोजित किए जाने वाले विभिन्न क्रियाकलापों एवं गतिविधियों से भी वे अक्षुण्ण रहे। इतना ही नहीं इसके अलावा डिजिटल उपकरणों के इतने अधिक प्रयोग ने बच्चों के मानसिकता पर बुरा प्रभाव डाला, जो उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक थे।
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