आईपीओ क्या है? अर्थ , प्रकार इन्वेस्ट करने के तरीका

By | 1 November 2023

आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग एक ऐसा प्रक्रिया जिससे स्टॉक को शेयर बाजार पर लिस्टेड किया जाता है। एक कंपनी को अपने स्टॉक शेयर बाजार पर लाने के लिए इस प्रोसेस से गुजरना ही पड़ता है। आज के इस आर्टिकल में हम इसी आईपीओ टॉपिक को बहुत ही डीटिल्स में पड़ने वाले है।

इस आर्टिकल में हम जानेंगे आईपीओ क्या है , कैसे काम करते है , आईपीओ लाने के कारण , आईपीओ के लाभ नुकसान और भी आईपीओ से जुड़ी महत्वपूर्ण विषय।

आईपीओ क्या है? IPO meaning in Hindi

आईपीओ का मतलब होते है (IPO meaning in Hindi) इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग। यह एक एइसे प्रक्रिया होते है जिसके द्वारा कोई भी संगठन या कंपनी अपने स्टॉक को शेयर बाजार पर बेचती है। इसके द्वारा कंपनी पहली बार अपने हिस्सेदारी को सार्वजनिक निवेशको तक पहुंचाते है। और उसके बदले कंपनी पूंजी इकट्ठे कर पाते है।

इस प्रक्रिया में कंपनी एक प्रोसिप्रैक्ट जारी करते है, जिसमे कंपनी के विवरण, वित्तीय स्थिति , भविष्य योजनाएं, स्टॉक के मूल्य से संबंधित जानकारी होते है।

यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कंपनी पहली बार पब्लिक से फंड इक्केठे करते है और पब्लिक तक कंपनी के हिस्सेदारी उपलब्ध करवाते है।

आईपीओ कैसे काम करते है?

निर्णय लेना और तैयारी करना : एक प्राइवेट कंपनी को सार्वजनिक निगम बनने का निर्णय लेने के बाद, कंपनी के प्रबंधन और निदेशक मंडल को आईपीओ के लिए तयारी करना होता है। इसके अंतर्गत कंपनी के वित्तीय स्थिति का मूल्ययन किया जाता है और सार्वजनिक पदर्शन के लिए तैयार किया जाता है।

वित्तीय सलाहकार और निवेशक बैंको से बातचित : कंपनी को अपने निवेशकों से और निवेशक बैंको से भी आईपीओ लाने से संबंधित सलाह लेना होता है। और फिर इनके साथ मिलकर स्टॉक का मूल्य , महत्वपूर्ण दस्तावेज का निर्माण करते है।

सेबी से मंजूरी पाप्त करना : सेवी यानी सिक्रूरिटी रेगुलेटरी अथॉरिटी , कंपनी को इनसे भी मंजूरी लेना होता है।

सर्वजीनक पदर्शन: आईपीओ के दिन , कंपनी अपने स्टॉक को सर्वोजोनिक रूप से बेचती है। यह विभिन्न स्टॉक एक्सचेंज पर हो सकते है। निवेशक इस अवसर का उपयोग करके स्टॉक के खरीदारी करते है।

स्टॉक के मूल्य निर्धारण : स्टॉक के मूल्य या सीमा निर्धारण किया जाता है ,जिसमे वित्तीय विश्लेषण , बाजार परिस्तिथिया , कंपनी के लिए क्षेत्र के अनुसार मूल्ययान और अन्य कारोके का मूल्यान्यन शामिल होते है।

स्टॉक के खरीदारी : इसके बाद स्टॉक लिस्ट होते है और निवेशक खरीदारी करके कंपनी के हिस्सेदार बन पाते है।

आईपीओ के प्रकार

Fixed Price Offering ( निर्धारित मूल्य ऑफर)

इस प्रकार के आईपीओ में स्टॉक के मूल्य पहले से ही निर्धारित रहते है। निवेशक निर्धारित मूल्य पर स्टॉक के खरीदारी कर पाते है।

Book Building Offering (बुक बिल्डिंग ऑफर)

इसमें स्टॉक के मूल्य निर्धारित नहीं रहते है, वल्कि एक सीमा निर्धारित रहते है । जिसमे निवेशक को बोली लगाना होता हैं। इसमें कीमत निन्मतम और उच्चतम सीमा में निर्धारित होकर आते है और निवेशकों के इस सिमा के भीतर बोली लगाने के अनुमति होते है। इसका मतलब आईपीओ के दौरान स्टॉक के मूल्य निर्धारण नहीं होते , बल्कि निवेशकों के मांग और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित की जाती हैं।

आईपीओ में कैसे निवेश करें?

आईपीओ में निवेश करने से पहले निन्मलिखित बातों को जरूर से ध्यान रखे –

  1. कंपनी की अध्यायन तथा विश्लेषण करें : निवेश करने से पहले कंपनी को बारीकी से अध्यायन करें। कंपनी के इतिहास , वित्तीय स्थिति, उद्देश्य तथा बिजनेस मॉडल को समझे।
  2. बाजार अनुसंधान – कंपनी के साथ बाजार के अनुसंधान करना भी जरूरी विषय हैं। आपको बाजार के वर्तमान स्थिति, ट्रेंड, आईपीओ के कीमत की अनुसंधान करना भी जरूरी है।
  3. वित्तीय युग्यता की जांच करें – आपको अपनी वित्तीय युग्यता को जांच करनी चाहिए ताकि आप पाप्त आईपीओ को कीमत के लिए योग्य हो सके।
  4. निवेश के लिए राशि निर्धारण करें – आपको कितना राशि निवेश करना है , ये भी निर्धारण करना होगा।
  5. आईपीओ के आवेदन करें – आईपीओ खरीदने के लिए आपको आईपीओ के लिए आवेदन करना होगा। आप आवेदन कंपनी या आईपीओ ड्रिस्टीब्यूटर के द्वारा कर सकते है।
  6. सलाह ले – अगर आप बिल्कुल नए हो तो आप दूसरों जानकारी यज्ञ व्यक्ति से सलाह भी ले सकते हैं।

आईपीओ के लाभ और नुकसान

लाभ :

  1. आईपीओ नए निवेशकों को बाजार में निवेश करने के मौके देते है।
  2. आईपीओ से किसी भी स्टॉक को उसके सठिक मूल्य पर क्रय किया जा सकता है।
  3. आईपीओ द्वारा कंपनी नए पूंजी के आपूर्ति करते है जिससे वह अपने विस्तार और विकास की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
  4. एक सफल आईपीओ उच्च प्रोफाइल और प्रतिष्ठित कंपनी की पहचान को बढ़ाता है, जिससे उसकी ब्रांड मान्यता बढ़ती है।

नुकसान :

  1. आईपीओ के समय शेयर मूल्य में वॉलेट शेयर के लिए कमी आ सकती है, जिससे उन्हें नुकसान भी हो सकते है।
  2. मार्केट कंडीशन आईपीओ पर बहुत ज्यादा प्रभाव डालते है, जिससे निवेशकों को वित्तीय नुकसान के सामना भी करना पड़ सकता है।
  3. अगर आईपीओ के कीमत या मार्केट रिस्पॉन्स अच्छा नही होता तो इससे कंपनी की प्रतिष्ठा पर नकरात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  4. सार्वजनिक कंपनी को अधिक वित्तीय निगरानी का सामना करना पड़ सकता है जो उसकी निजिता और नियंत्रण पर प्रभाव डालते है।

आनेवले आईपीओ कैसे चेक करें?

आईपीओ क्या है, आईपीओ कैसे काम करते है, यह तो अच्छे से समझ गए होंगे। अब आपके मन में अगर आनेवाले आईपीओ को कहा और कैसे चेक करे? , इस बारे में सवाल आ रहे है तो इसे भी क्लियर कर देते है।

आप आनेवाले आईपीओ के सूचना वित्तीय समाचार पत्र तथा उनके वेबसाइट, कंपनी को आधिकारिक वेबसाइट, वित्तीय सलाहकार, शेयर मार्केट से जुड़ी ऐप और ब्रोकर के जड़िए से भी ज्ञात कर सकते है।

शेयर मार्केट में IPO क्या होता है?

IPO यानी Initial Public Offering, एक कंपनी के स्टॉक को पहली बार सार्वजनिक बाजार में लिस्ट करना, जिससे वह पूंजी जुटा सके और साझेदारों को बेच सके।

आईपीओ में पैसा कैसे लगाया जाता है?

आईपीओ में पैसा लगाने के लिए पहले अनुसंधान करें, फिर आवेदन करें और निर्धारित मूल्य पर स्टॉक खरीदें। आवेदन बैंक, ऑनलाइन ब्रोकर, या निवेशक संबंधित आवश्यकताओं के साथ सहायता कर सकते हैं।


IPO कब बेच सकते है?

IPO के शेयर्स को लिस्टिंग के बाद खरीद-बेच सकते हैं। आमतौर पर, लिस्टिंग के बाद कुछ हफ्तों या महीनों में खुलता है।

आईपीओ प्राइस कौन सेट करता है?

आईपीओ प्राइस कंपनी और उसके आरंभिक बैंकिंग या निवेशकों के साथ मिलकर सेट किया जाता है, जिसमें बाजार की प्रासंगिकता और कंपनी की मूल्यांकन शामिल होती है।

Conclusion

आईपीओ बहुत ही अच्छा अवसर प्रदान करते है निवेशकों को अपने मन पसंदिता कंपनी पर मार्केट पर लिस्ट होने से पहले ही निवेश करने की। अगर आप भी चाह रहे हो अपने मन पसंदिता कंपनी के आईपीओ में निवेश करने की तो मुझे उम्मीद है यह आर्टिकल आपको जरूर से पसंद आए होंगे।

इस आर्टिकल में हम आईपीओ क्या है, ipo meaning in hindi से हर एक जानकारी सरल तरीके से आप तक पहुंचाने के कशिश किया हूं। मुझे उम्मीद है यह आर्टिकल आपको अच्छे लगे होंगे।

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