आज इस पोस्ट में हम बात करने वाले है कारक किसे कहते है , कारक के कितने भेद होते है?
कारक की परिभाषा
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप द्वारा उनका अन्य शब्दों से संबंध ज्ञात होता है, उसे कारक कहते है।
कारक के भेद

हिंदी में कारक के भेद आठ होते –
कारक | विभक्ति |
कर्ता | ने |
कर्म | को |
करण | से |
संपादन | को, के ,लिए |
अपादान | से |
संबंध | का,के,की ,रा, रे,री |
अधिकरण | में,पै,पर |
संबोधन | हे, अरे,अजी |
कारक और विभक्ति चिन्ह
हिंदी में संज्ञा या सर्वनाम का अन्य शब्दों से संबंध को कारक कहते है। कारको का अपना अपना एल विशेष चिन्ह होते है, जिसे विभक्ति कहते है। इन्ही विभक्ति चिन्हों से शब्दों के संबंध का पता चलता है। जैसे-
- मैंने तुमको एक पत्र लिखा।
- राम ने माहोन को एक पत्र लिखा।
ऊपर के वाकया में “ने और को” विभक्ति चिन्ह है । ये क्रमश: कर्ता और कर्म कारक के चिन्ह है। इससे प्रथम वाकया में सर्वनाम से सर्वनाम का और दुसरे वाकया में संज्ञा का संबंध ज्ञात होता है।