Mera Bharat Mahan Hindi Nibandh, Desh par Nibandh | मेरा भारत महान पर निबंध

भारत एक ऐसा देश है जहां की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व भर में मशहूर है। भारत विकासशील देशों की श्रेणी में है, जिसने कई विषम परिस्थितियों के बावजूद आज इतनी तरक्की कर ली है। प्राचीन समय में भारत देश को सोने की चिड़िया भी कहा जाता था। भारत को अन्य कई नामों जैसे हिंद, हिंदुस्तान, इंडिया के नाम से भी जानते हैं। हम अपने भारत देश को Mera Bharat Mahan भी कहते हैं। इसके पीछे कई कारण हैं, जिसमें मुख्य रूप से भारत की सभ्यता, संस्कृति, कृषि, राष्ट्रीय त्यौहार आदि की महत्वपूर्ण भूमिका है।
इसका इतिहास आज भी हमें गौरवान्वित करता है क्योंकि यहां एक से बढ़कर एक साहित्यकार, शूरवीर एवं वीर योद्धाओं की उपस्थिति रही है, जिन पर आज भी हमें गर्व है। भारत के साथ इसके पड़ोसी देशों के संबंध भी काफी अच्छे हैं, जिसकी वजह से यहां की अर्थव्यवस्था भी काफी अच्छी है।
भारत की कृषि :
हम सभी जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान क्षेत्र है और यहां की एक बहुत बड़ी जनसंख्या कृषि पर ही निर्भर करती है। वस्तुतः कृषि का अर्थ है किसी खेत में फसलों और पशुधन का उत्पादन। सामान्यतः कृषि फसलों की खेती होती है। लेकिन अर्थशास्त्र में, कृषि का अर्थ होता है पशुपालन, मुर्गी पालन, डेयरी फार्मिंग, मछली पकड़ने और यहां तक कि वानिकी के साथ-साथ फसलों की खेती।कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कृषि न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि हमारे सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन पर इसका गहरा प्रभाव है।
जवाहर लाल नेहरू के शब्दों में, “कृषि को सर्वोच्च प्राथमिकता की आवश्यकता है क्योंकि सरकार और राष्ट्र तभी सफल हो पाएंगे जब हमारी कृषि सफल होगी।” यहां जलवायु के आधार पर कृषि होती है एवं विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती है, जिसमें गेहूं, बाजरा, जौ, मक्का आदि शामिल हैं।
भारत की भूमि कृषि के लिए बेहद उत्तम मानी जाती है। यहां कृषि फसलों की पैदावार इतनी अधिक होती है कि देश में इस्तेमाल के साथ-साथ इसका अन्य देशों में निर्यात भी होता है। वर्ष 1950- 51 के दौरान देश की राष्ट्रीय आय में कृषि का योगदान 59% तक हुआ करता था वही 2004 – 2005 ईस्वी में यह योगदान 24% तक था। दूसरे देशों से अगर तुलना करें तो उनकी टेक्नोलॉजी बहुत विकसित है लेकिन कृषि का योगदान उनकी राष्ट्रीय आय में बहुत कम होता है।
भारत की संस्कृति :
हमारे देश भारत को Mera Bharat Mahan कहने का एक और कारण भारत की संस्कृति भी है। इस देश में विभिन्न जाति और धर्म जैसे हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, बौद्ध, जैन आदि रहते हैं, जिसकी वजह से यहां की वेशभूषा में भी काफी समानताएं देखने को मिलती है लेकिन भारत के संस्कृति की खास बात यह है कि यहां रहने वाले सभी लोग आपस में मिलजुल कर एवं बिना किसी भेदभाव के रहते हैं।
यहां लोगों में वेशभूषा के अलावा खानपान एवं रहन-सहन में भी काफी अंतर देखने को मिलता है। इसके बावजूद प्रत्येक त्यौहार में लोगों के बीच एकजुटता दिखाई देती है।
दक्षिण, उत्तर और पूर्वोत्तर की अपनी अलग संस्कृतियां हैं और लगभग हर राज्य ने अपनी सांस्कृतिक जगह बनाई है। दुनिया में शायद ही कोई संस्कृति हो जो भारत जैसी विविध और अनूठी हो। भारत एक विशाल देश है, जिसमें विभिन्न प्रकार की भौगोलिक विशेषताएं और जलवायु विविधताएँ हैं। भारत चार प्रमुख विश्व धर्मों, हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म सहित कुछ सबसे प्राचीन सभ्यताओं का घर है।
भारत के राष्ट्रीय चिह्न :
भारत की राष्ट्रीयता की चर्चा पूरे विश्व में है। इसका राष्ट्रगान जन गण मन, राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम एवं राष्ट्रीय भाषा हिंदी है। इसके राष्ट्रगान को नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्र नाथ टैगोर ने लिखा है, जिसे राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय गाया जाता है। वहीं वंदे मातरम् राष्ट्रीय गीत को बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखा गया है। यहां का राष्ट्रीय पक्षी मोर और राष्ट्रीय पशु बाघ है। इसके अलावा भारत का राष्ट्रीय चिन्ह तुला को रखा गया है, जो मुख्य रूप से न्याय प्रदर्शित करता है।
भारत के राज्यों की प्रमुखता :
भारत के राज्यों की प्रमुखता भी कम नहीं है। यहां कई ऐसे राज्य हैं, जिनमें कुछ धार्मिक, कुछ सांस्कृतिक और कुछ प्राकृतिक सौंदर्य अर्थात पर्यटन के उद्देश्य से प्रमुख हैं एवं विश्व भर में जाने जाते हैं। यह के कुछ प्रमुख राज्यों जैसे वाराणसी, इलाहाबाद, हरिद्वार, ऋषिकेश आदि का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कश्मीर आदि के प्राकृतिक सौंदर्य की खूब चर्चा होती है। इन राज्यों के अंतर्गत आने वाले प्रमुख पर्यटन स्थल जैसे कुल्लू मनाली, शिमला, शिलांग, मसूरी आदि की तुलना स्वर्ग से की जाती है।
भारत की नदियाँ :
भारत महान नदियों की भूमि है, जो अरबों लोगों के लिए जीवन रेखा का काम करती है। गंगा देश की सबसे बड़ी बहने वाली नदियों में से एक है, जबकि अन्य शक्तिशाली नदियों में गोदावरी, कृष्णा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु शामिल हैं।
सबसे पवित्र मानी जाने वाली गंगा एक बारहमासी नदी है, जो महान हिमालय से निकलती है और पूरे वर्ष बहती है। गंगा नदी उत्तराखंड से निकलती है और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में समाप्त होने के लिए कुल 2,525 किमी की दूरी से बहती है।
गंगा और ब्रह्मपुत्र मिलकर सबसे बड़े डेल्टा का निर्माण करती है। नदियों का पानी कृषि के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। भारत की लगभग सभी प्रमुख नदियों पर बांध बनाए गए हैं जिससे कृषि में सिंचाई का कार्य काफी आसान हुआ है।
भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी :
प्राचीन समय में भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास उतना अधिक नहीं हुआ था लेकिन अभी यह इस क्षेत्र में धीरे-धीरे तरक्की के शिखर पर पहुंच रहा है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ने कई खोज की एवं एक से बढ़कर एक टेक्नोलॉजी विकसित किया।
भारत में कई ऐसे वैज्ञानिक भी रह चुके हैं जिन्होंने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया है। इन वैज्ञानिकों में मुख्य रूप से सी वी रमन, अब्दुल कलाम आजाद, जगदीश चंद्र बसु आदि हैं। भारत की उपलब्धियों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निम्नलिखित रूप से देखा जा सकता है –
- भारत के पास दुनिया में वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का दूसरा सबसे बड़ा समूह है।
- आईटी तथा सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में भारत ने दुनिया के सबसे विकसित देशों को टक्कर दी है
- पिछले पांच वर्षों में भारत की कुल सौर ऊर्जा क्षमता 11 गुना से अधिक बढ़ी है।
- ब्रह्मोस मिसाइल दुनिया की सबसे तेज एंटी-शिप क्रूज मिसाइल है।
- “परम” दुनिया का सबसे किफायती सुपर कंप्यूटर है।
भारत का संविधान और इसके कानून :
पूरी दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत है।
भारत का संविधान दुनिया के किसी भी देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है, इसके अंग्रेजी भाषा के संस्करण में 146,385 शब्द हैं।
हम सभी जानते हैं कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है जहां सभी धर्मों को बराबर सम्मान मिलता है हमारे संविधान के अंतर्गत जितने भी कानून है उसमें इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि भारत के किसी भी वर्ग का किसी भी तरह से कभी शोषण न हो।
भारत का संविधान भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है, और अपने नागरिकों को न्याय, समानता और स्वतंत्रता का आश्वासन देता है, साथ ही सामाजिक बंधुता को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। हमारा संविधान और यहाँ का कानून नागरिकों के मौलिक अधिकारों(समानता, शिक्षा, स्वतंत्रता, सूचना, धार्मिक स्वतंत्रता अधिकारों) की सुरक्षा करता है।
भारत के शूरवीर योद्धा :
प्राचीन समय से लेकर आज तक भारत में कई ऐसे शूरवीर योद्धा हुए, जिन्होंने बड़े से बड़े युद्ध लड़ने से लेकर भारत को आजादी दिलाने तक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारत में उपनिवेशवाद के शासन को समाप्त करने के लिए, विभिन्न पारिवारिक पृष्ठभूमि के बड़ी संख्या में क्रांतिकारी और कार्यकर्ता एक साथ आए और एक मिशन पर निकल पड़े।
महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, चंद्र शेखर आज़ाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपत राय, खुदीराम बोस, भगत सिंह, तात्या तोपे, रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहेब, जैसे कई ऐसे वीर पैदा हुए, जिन्होंने भारत को अंग्रेजों के कुशासन से आजादी दिलाई। यहां तक कि आजादी के बाद भी भारत पर जब भी दुश्मनों ने आक्रमण किया है हमारे शूरवीर योद्धाओं ने डटकर उनका सामना किया है और उन्हें परास्त किया है।
भारत की सैन्य शक्ति :
भारत की सैन्य शक्ति मुख्य रूप से तीन सेना से मिलकर गठित होती है, जिसमें जल सेना, वायु सेना और थल सेना शामिल है। भारत की थल सेना को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थल सेना के रूप में जाना जाता है। यह बाह्य आक्रमणों से हमारे देश की रक्षा करता है। भारत के वायु सेना हवाई मामलों की देखरेख करती है और यह युद्ध क्षेत्र में थल सेना के लिए हौसला बढ़ाने का भी काम करती है। यहां थल सेना और वायु सेना के अलावा जल सेना का भी विशेष महत्व है। अर्थात भारत के इन तीनों सेनाओं को मिलाकर सामरिक शक्ति कहा जाता है।
उपसंहार
‘सोने की चिड़िया’ कहा जाने वाला भारत आजादी के दौरान भले ही अंग्रेजों के समय में गुलामी की जंजीरों में बंधा था और विकास के मामले में पिछड़ गया था लेकिन आज अपने मेहनत एवं सूझ-बूझ के बल पर आज ऊंचे मुकाम तक पहुंच चुका है और इसने विकासशील देशों की श्रेणी में स्थान हासिल किया है। विज्ञान, शिक्षा, कानून, उत्पादन, सेना आदि के क्षेत्र में भारत की तरक्की आज हमें गौरवान्वित करती है। आगे आने वाले कुछ सालों में भारत अन्य देशों की तुलना में काफी आगे बढ़ जाएगा और सफलता की ऊंचाइयों को छूएगा।
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