शेयर मार्केट पर आए हुए एक नए लोग ऑप्शन ट्रेडिंग के प्रति बहुत ज्यादा आकर्षित होते है। आपने कोई बार सुना होगा कि X नाम के व्यक्ति ने शेयर मार्केट पर बहुत बड़े लॉस ले चुका है। लेकिन अगर आप थोड़ा ध्यान देंगे तो जान पाएंगे उसने यह लॉस ऑप्शन में ही किया होगा।
आज भारत में जितने भी बड़े बड़े लॉस किया हुआ व्यक्ति है उनमें से लगभग 90% लोग ऑप्शन में ही करते है। ऑप्शन एक बहुत रिस्की बिजनेस होते है, जिसे हमेशा अच्छे से सीखकर समझ कर करना चाहिए।
अगर आप भी कही से ऑप्शन के नाम सुने हो और ऑप्शन ट्रेडिंग करने को सोच रहे हो तो थोड़ा ध्यान से इस आर्टिकल को पढ़िए। इस आर्टिकल में हम आपसे ऑप्शन ट्रेडिंग से जुड़े हर एक बाते बताएंगे, साथ मैं अपना व्यक्तिगत अनुभव भी बताएंगे। इस आर्टिकल में हम ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है, ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते है ओर भी ऑप्शन ट्रेडिंग से जुड़े महत्वपूर्ण बात के बारे में जानेंगे।
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? Options Trading in Hindi

ऑप्शन एक डेरिवेटिव्स मार्केट का हिस्सा है । यह एक ऐसा कॉन्टैक्ट है जिसमे आप कुछ प्रीमियम देकर स्टोक या इंडेक्स को खरीद पाते हो। ऑप्शन एक कॉन्टैक्ट में ट्रेड होते है जो एक निचित समय तक सीमित होते है और खरीदे हुए ऑप्शन को आप उस समय तक ही आपने पास रख पाते हो।
ऑप्शन में put और call में ट्रेड होते है जहा पुट का मतलब है बेयरिश और कॉल का मतलब होते है बुलीश। ऑप्शन मे लॉट के हिसाब से खरीदारी या बेचेदारी होते है। चलिए इसको एक उदाहरण से ओर भी अच्छे से समझते है।
जैसे कि अभी Nifty 19700 में चल रहे है और अगर आप इस पर ट्रेड करना चाहतें हो तो आपको 1 क्वांटिटी के बदले 19700 रुपया के जरूरत पड़ता है। लेकिन आप इसको कुछ प्रीमियम 2 से 5 हजार देकर निफ्टी के एक लॉट को खरीद पाते हो। Nifty के एक लॉट में 50 क्वांटिटी होते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग में put और call क्या है?
ऑप्शन में put या call पर ही ट्रेड किया जाता है।
Put options : यह मार्केट के बीयरिश को दिखाता है। अगर आप मार्केट को लेकर बेयरिश हो, तो आपको पुट ऑप्शन को buy करना पड़ेगा। जिससे मार्केट नीचे जाने पर आपको फायदा होगा।
Call Options: यह मार्केट के बुलिश को दिखाता है। अगर आप सोच रहे हो कि मार्केट ऊपर जायेगा , तो आपको कॉल ऑप्शन को buy करके चलना पड़ेगा और मार्केट ऊपर जाने पर आपको फायदा होगा।
लेकिन सेलर्स के लिए यह विपरीत होते हैं। एक सेलर बेयरिश के लिए कॉल को सेल करेगा वहीं bullish के लिए पुट को सेल करेंगे। तभी उनको प्रॉफिट हो पाएगा।
Call option को call european, CE सिंबल से और put ऑप्शन को put european PE सिंबल से दर्शाते है।
ऑप्शन ट्रेडिंग काम करते है?
ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए पहले आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलना पड़ेगा। आपको ऐसे ब्रोकर के साथ अकाउंट खोलना पड़ेगा , जो derivatives में ट्रेड करने को अनुमति देते हो। आप चाहे तो zerodha, grow, Angelone, Upstox जैसे किसी भी ब्रोकर के साथ जा सकते हो।
इसके बाद आपको future & option segment को एनेबल करना पड़ेगा जिसे आप ट्रेडिंग अकाउंट के प्रोफाइल सेक्शन पर जाकर एनेबल कर सकते हो। यह एनेबल होने में 24 घंटे तक समय लग सकते है।
एनेबल होने के बाद आपको instrument chose करना पड़ेगा पड़ेगा। जैसे कि मुझे Tatamotor पर ट्रेड करना है तो मैं ब्रोकिंग अकाउंट में जाकर tatamotor के एक स्ट्राइक को सेलेक्ट करूंगा और किस expiry के लिए करना चाहता हूं यह भी सेलेक्ट करूंगा। इसके बाद आपको buy or sell के ऑप्शन मिलेगा, वहा से आप क्वांटिटी को डालकर ट्रेड कर सकते हो।
Expiry or strike price क्या है इस बारे में नीचे डिटेल्स में बताया गया है।
ऑप्शन राइटिंग क्या है?
ऑप्शन ट्रेडिंग के समंधित अगर आप वीडियो देखेंगे तो आपको ऑप्शन बायर और ऑप्शन राइटर के बारे में सुनने को मिलेगा। option buyer क्या है? यह तो आप समझ सकते हो। जो व्यक्ति ऑप्शन के PE/CE को buy करके चलते हैं उसे ऑप्शन बायर कहते है।
लेकिन अब बात आता है ऑप्शन राइटर क्या है?
ऑप्शन राइटर यानी ऑप्शन सेलर्स । जो व्यक्ति ऑप्शन को सेल करके चलते है उसे ऑप्शन राइटर कहा जाता है।
एक ऑप्शन बायर प्रीमियम देते है, और वो प्रीमियम ऑप्शन सेलर रिसीव करते है।
ऑप्शन ट्रेडिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण शब्द
आप जब ऑप्शन ट्रेडिंग करने जाओगे तो आपको बहुत सारे शब्द सुनने को मिलेंगे। जिसे शायद ही आप कभी सुने होंगे। उन्ही शब्द के जिक्र हमने यहा किया है।
- स्ट्राइक प्राइस : यह किसी भी इंस्ट्रूमेंट के एक तरह के प्राइस होते है, जिसपर प्रीमियम डिपेंड करते है। जैसे अगर आप निफ्टी के ऑप्शन ट्रेड करने जाओगे तो निफ्टी के अभी करेंट प्राइस 19740 चल रहा है और इसके स्ट्राइक प्राइस होगा कुछ इस प्रकार 19500, 19600, 19700 ,19800 ऐसे करेंट प्राइस के आगे पीछे करके स्ट्राइक प्राइस रखा जाता है। उन्ही पर प्रीमियम के value डिपेंड करते है। उदाहरण से समझते है – जैसे मान लो आपके अनुमान है कि कल निफ्टी 19800 को क्रॉस करेगा और उसके ऊपर ट्रेड करेगा तो इसे में आप 19800 के स्ट्राइक पर ट्रेड कर सकते हो।
- ITM, ATM, OTM : ITM यानी In the money , Call के साइड इन द मनी में करेंट प्राइस के नीचे के स्ट्राइक प्राइस आते है। ATM यानी at the money , अभी जो करेंट प्राइस चल रहे है उसके नजदीक के राउंड फिगर नंबर के स्ट्राइक AT The money में आएगा। OTM यानी out of the money, CE के लिए करेंट प्राइस के ऊपर के स्ट्राइक प्राइस को out of money में रखा जाता है। CE और PE मे यह कांसेप्ट एक दूसरे के अपोजिट होते है।
- Expiry : आप जो भी इंस्ट्रूमेंट खरीद रहे हो, उसके एक डेट होते है जब तक आप उस इंस्ट्रूमेंट को आपने dement अकाउंट पर रख सकते हो। उस डेट को expiry date कहते है। जैसे निफ्टी हर वेडनेसडे को expiry होते है।
- ऑप्शन चैन : यह ऑप्शन के डाटा के एक चार्ट है, जिसे nse द्वारा प्रोवाइड किया जाता है, जिसपर किस स्ट्राइक का कितना प्रीमियम है , कितने लोग उस स्ट्राइक पर ट्रेड कर रहे है ऐसे डाटा दिखा जाता हैं।
- Open Interest (OI) : यह किसी भी स्ट्राइक में लोगो के भीड़ को दिखाते हैं। कौनसा स्ट्राइक में कितने लोगो ने ट्रेड लेकर बैठे है यह आप oi को पड़कर जान सकते हो। यह चीज भी ऑप्शन चैन पर ही मिलते है।
ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
अन्य किसी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी के तरह ऑप्शन ट्रेडिंग के भी कुछ लाभ और कमियां होते है। यह आप पर निर्भर करते है कि आप इसका उपयोग कैसे करते है।
लाभ :
- ऑप्शन ट्रेडिंग फक्सीबिलिटी के साथ साथ लिक्विडेंटी भी प्रदान करते है।
- ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत कम पूंजी से शुरू कर सकते है।
- ऑप्शन ही एक ऐसा जगह है जहा आप एक दिन में १००% से ज्यादा प्रॉफिट के आशा रख पाते हो।
- लोग ऑप्शन के उपयोग हेजिंग के लिए भी करते आए, ताकि मार्केट में आनेवाले उतार चढ़ाव से अपने पोर्टफोलियो को संभाल पाए।
- ऑप्शन ट्रेडिंग आप किसी भी मार्केट कंडीशन में कर सकते हो।
ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान :
इसमें नुकसान की बात करे तो ऑप्शन ट्रेडिंग मे बड़े बड़े लॉसेज को देखने मिल सकते है। अगर आपके अनुमान गलत होते है तो कुछ समय में ही आपको एक बहुत बड़ा लॉस देखने को मिल सकता है। इतना ही भी ऑप्शन ट्रेडिंग आपके कैपिटल को एक ही दिन में जीरो करने के क्षमता रखते है।
अगर आप बिना रिस्क मैनेजमेंट के ऑप्शन ट्रेडिंग करते है तो कुछ ही समय में आप यहां बर्बाद भी हो सकते हो।
ऑप्शन buying या selling में कौन बेहतर है ?
जैसे कि मेने पहले ही बताया है ऑप्शन ट्रेडिंग एक जीरो sum game है। यहां कोई बेचेगा तभी कोई खरीद पाएगा।
ऑप्शन बायर को ऑप्शन ट्रेडिंग में सिर्फ प्रीमियम के राशि को ही देना होता है , लेकिन सेलर को पूरे लॉट के प्रीमियम को देना पड़ता है। जैसे अगर आप निफ्टी के एक लॉट buy करते हो तो आपको लगभग ३ हजार राशि के जरूरत पड़ेगा। वही सेलर को वोही एक लॉट के लिए लगभग 80 हजार तक का राशि के जरूरत पड़ेगा।
ऑप्शन बायर लगाए हुए पैसे के हिसाब से बहुत ज्यादा रिटर्न ले पाते हो। लेकिन एक सेलर बायर के दिए हुए प्रीमियम को ही ले सकते है।
ऑप्शन सेलिंग ज्यादा रिस्की होते है , buying के तुलना में क्युकी यहां रिस्क unlimited रहते है।
लेकिन बहुत सारे लोग buying के बदले सेलिंग करना पसंद करते है। ऐसा इसीलिए क्युकी सेलिंग मे विनिंग के पॉसिबिलिटी ज्यादा होते है।
रेगुलर इनकम के लिए ऑप्शन सेलिंग ज्यादा अच्छे होते हैं । मैं खुद भी ऑप्शन सेल ही करते है।
Options Trading क्या हैं?
Options trading एक वित्तीय वितरण प्रणाली है जिसमें विभिन्न प्रकार के विकल्प या ‘options’ की खरीददारी और बेचदारी की जाती है, जिनमें विशिष्ट समयावधि और मूल वस्त्र के नीति शर्तें होती हैं।
Options Trading कैसे करते है?
Options trading में आप वित्तीय विकल्प (options) खरीदने और बेचने के लिए एक वित्तीय बाजार में खाता खोलकर विकल्प वस्त्रक के मूल्य की आंकड़ा लगाते हैं। आप कॉल और पुट विकल्प खरीद सकते हैं और उन्हें समय समय पर बेच सकते हैं ताकि वित्तीय लाभ कमाया जा सके।
Option Trading के लाभ और नुकसान क्या क्या हैं?
Options trading में लाभ या नुकसान की मात्रा निवेशक के विकल्प खरीदने या बेचने पर निर्भर करती है। सही अनुमान पर आप वित्तीय लाभ कमा सकते हैं, लेकिन गलत निवेश से नुकसान हो सकता है, जिसमें पूरे निवेश का खोना भी शामिल हो सकता है।
Conclusion
अंत में मैं यही कहना चाहता हूं कि ऑप्शन ट्रेडिंग हर किसी के लिए नहीं होते । इसमें सफल बहुत ही कम लोग हो पाते है।
ऑप्शन ट्रेडिंग मे सफल होने के लिए लंबे समय के अनुभव चाहिए होते है। अगर आप नए हो तो आप शुरुवात इक्विटी से ही कर सकते हो। इक्विटी में प्रॉफिटेबल होने के बाद आप ऑप्शन कि ओर जा सकते हो।
तो दोस्तो , उम्मीद है मैंने इस आर्टिकल में ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है इससे जुड़ी हर एक जानकारी आप तक पहुंचा पाया हूं । इसके बबजूत भी अगर आपके पास ऑप्शन ट्रेडिंग से जुड़ी कोई सवाल है तो आप हमे कमेन्ट पर पूछ सकते हो। आर्टिकल को यहां तक पड़ने के आपको बहुत धन्यवाद।