
Pollution essay in hindi [800 Words
वर्तमान समय में Pollution विश्व की सबसे बड़ी और गंभीर समस्या बनी हुई है। आज हम सभी के लिए इसके कारण काफी चिंताजनक स्थिति बनी हुई है। Pollution का सामना ना केवल मानव समुदाय के लोगों को बल्कि जीव जंतुओं को भी करना पड़ रहा है। आज इसके दुष्प्रभाव चारों तरफ फैल चुके हैं। Pollution का अर्थ गंदगी होता है और यह गंदगी हमारे बीच रहने वाले लोग ही फैलाते हैं और पृथ्वी पर निवास करने वाले सभी मनुष्य तथा जीव-जंतु इसका शिकार है, जिसे हम Pollution के नाम से जानते है।
Pollution को मुख्यतः तीन भागों में बांटा जाता है:
- वायु प्रदूषण
- जल प्रदूषण
- ध्वनि प्रदूषण
यह तीनों तरह के Pollution धरती पर रहने वाले लोगों तथा जीव जंतुओ के लिए धीरे-धीरे काफी हानिकारक साबित होते जा रहे हैं। प्रकृति के द्वारा प्रदान की गई जीवनदायी वस्तुओं में शामिल जल तथा वायु है। पृथ्वी पर जीवन सुनिश्चित करने तथा जीवन की उत्पत्ति करने में इन दोनों का काफी बड़ा योगदान रहा है। जल तथा वायु हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण तथा उपयोगी हैं। धरती पर रहने वाले सभी जीवनधारी श्वास लेते हैं, तथा जल का उपभोग पीने में करते है। लेकिन इनका प्रदूषित होना आज के समय के लिए समस्या बन चुका है।
1. वायु प्रदूषण: इसका मुख्य कारण विभिन्न प्रकार के अशुद्ध गैसों का मिलना है। मानव के कुछ गतिविधियों के परिणामस्वरुप हवा में बहुत प्रकार के प्रदूषित तत्व आ जाते हैं, जैसे वायु प्रदूषण होता है। इन गैसों में कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड आदि शामिल हैं।
2. जल प्रदूषण: पानी में विभिन्न प्रकार का कूड़ा कचरा तथा रासायनिक पदार्थ वाला गंदा पानी डाला जाता है, जिसके फलस्वरूप नदी, झील, तालाब, समूद्र आदि का पानी लगातार खराब होता जा रहा है। इसे जल प्रदूषण कहा जाता है।
3. ध्वनि प्रदूषण: इस प्रकार के Pollution का प्रमुख कारण लगातार बढ़ती जनसंख्या, लोगों का अपने घर पर दिखावे की मशीनी वस्तुओं को रखना तथा उसका उपयोग करना आदि है। विभिन्न प्रकार के वाद्य यंत्रों का प्रयोग करने से भी ध्वनि प्रदूषित होती है। जिस प्रकार दिन प्रतिदिन लोगों की आय में वृद्धि हो रही है उसी प्रकार लोगों के शौक भी बढ़ रहे हैं जिससे कि अभी वर्तमान युग में हर घर में एक गाड़ी अवश्य होती है चाहे वह दो पहिया वाहन हो या चार पहिया वाहन हो। ध्वनि प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण सड़कों पर इन वाहनों का चलना है। इन वाहनों के कारण भारी मात्रा में Pollution होता है।
Pollution के स्रोत :
- Pollution मानवीय गतिविधियों जैसे पेड़ों अथवा वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से उत्पन्न होता है।
- नदी के किनारों पर बसे शहरों से अनौपचारिक अपशिष्ट जल का निर्वहन नदियों में Pollution का मुख्य स्रोत है।
- Pollution के मुख्य स्रोतों में शहरीकरण भी अहम भूमिका निभाता है।
Pollution का प्रभाव :
Pollution के कारण हमारे जीवन पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। Pollution का प्रभाव मानवीय जीवन तथा जीव जंतु पर अलग-अलग है, जैसे –
- पेड़ों की कटाई से वायु प्रदूषण बढ़ता है और Pollution के कारण फसलों की पैदावार कम होती है। Pollution विभिन्न प्रकार के जलीय जीव तथा स्तनधारी पक्षियों के लिए प्रतिकूल प्रभाव उत्पन्न करता है।
- ध्वनि प्रदूषण आने वाले पीढ़ियों के लिए बहरेपन का एक कारण बन सकता है। इसके कारण मानसिक तनाव, चिंता, अशांति जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- ध्वनि प्रदूषण से हम बोलने तथा सुनने में असक्षम हो जाते हैं।
- प्रदूषित जल का सेवन करना मानव के पेचिस को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से पीड़ित कर सकता है। यह मनुष्य तथा जीव जंतुओं में अनुवांशिक परिवर्तन लाकर उनपर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
- जल प्रदूषण से खराब जल हमारे पेट में जाता है, जो पेट के लिए काफी हानिकारक होता है। दूषित जल का उपयोग करने से हमें कई प्रकार के पेट की समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।
Pollution से रोकथाम :
Pollution की रोकथाम आज के समय में बेहद आवश्यक हो गई है क्योंकि यदि आज इसे नहीं रोका गया तो आने वाले समय में यह विकराल समस्या बन सकता है। इसके रोकथाम के लिए सड़क के किनारे घने तथा विशाल पेड़ होने चाहिए, जो वाहनों से निकलने वाले वायु प्रदूषण को अपने शुद्ध हवा से नियंत्रित कर सके। कारखानों तथा फैक्ट्रियों को घनी आबादी वाले क्षेत्रों से दूर रखना चाहिए तथा उनके अपशिष्ट को नष्ट करने का उपाय सोचना चाहिए। इस प्रकार Pollution पर रोक लगाना अनिवार्य कर देना चाहिए ताकि आने वाले युवा पीढ़ियों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखा जा सके।
उपसंहार :
Pollution आज बहुत बड़ी समस्या के रूप में उभरकर सामने आई है और इसके रोकथाम के लिए सभी को मिलकर एक साथ इस पर कार्य करना होगा। तभी Pollution को कम करना संभव हो सकता है अन्यथा इसे कम करने की मांग हम पूरी नहीं कर सकते हैं। सभी प्रकार के Pollution में ध्वनि, जल, मिट्टी, तथा वायु सभी सम्मिलित होते हैं जिससे बचने के लिए कड़े नियम बनाने चाहिए और उनका कड़ाई से पालन होना चाहिए।
Pollution essay in Hindi 500 words
Pollution ऐसी प्रक्रिया है, जो पर्यावरण को दूषित करती है। वायु, भूमि और जल में हानिकारक पदार्थों की उपस्थिति, जो जीवों और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, Pollution है। हानिकारक गैस, तरल पदार्थ या अन्य हानिकारक पदार्थ जो प्राकृतिक वातावरण में अनियंत्रित रूप से छोड़ दिये जाते हैं उन्हें हम प्रदूषक कहते हैं। प्रदूषित वातावरण केवल मनुष्य ही नहीं किंतु सारे जीव-जंतुओं के लिए असुरक्षित होता है।
Pollution के मुख्य स्रोत :
Pollution के वजह की अगर बात करें तो उनमें से मुख्यतः अप्राकृतिक क्रियाएँ होती है जो मानवों द्वारा की जाती है, लेकिन कुछ प्राकृतिक क्रियाएँ भी होती हैं जो Pollution का कारण बनती है। मानवीय गतिविधियाँ जो Pollution के स्रोत हैं, वे निम्नलिखित हैं –
- उद्योगों से निकलने वाले हानिकारक तरल पदार्थ एवं गैसें जो वायुमंडल में बिना किसी शुद्धिकरण प्रक्रिया से गुजरे छोड़ दिये जाते हैं।
- मोटर वाहनों से निकलने वाले धुएं Pollution का कारण बनते हैं।
- शहरों एवं गांवों में घरेलू कचरों को लोग बिना किसी वैज्ञानिक प्रक्रिया द्वारा शुद्धिकरण का अनुसरण किये नदी में बहा देते हैं या ज़मीन पर फेंक देते हैं जो हमारे जल स्रोत और मृदा को प्रदूषित करते हैं।
- कृषि में उपयोग में लाए जाने वाले कई ऐसे हानिकारक उर्वरक हैं जो हमारे मिट्टी को प्रदूषित करते हैं।
- लगातार हो रहे निर्माण गतिविधियाँ एवं प्रौद्योगिक विकास जिसमें पर्यावरण का ध्यान नहीं रखा जाता है, Pollution का कारण बनते हैं।
Pollution के कुछ प्राकृतिक कारण :
- ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से कई जहरीली गैसें निकलती है जैसे सल्फर, क्लोरिन, आदि जो वायुमंडल के लिए हानिकारक होते हैं। इसके अलावा विस्फोट में निकलने वाले राख के कण भी हानिकारक होते हैं।
- जंगल की आग की वजह से भी राख के कण और हानिकारक गैसें निकलती है।
- रेडियोएक्टिव पदार्थों के डीके होने से भी Pollution होता है।
Pollution के प्रकार :
Pollution के निम्न प्रकार होते हैं-
- वायु प्रदूषण– वायु में ऐसे गैसों का मिलना या उनकी सांद्रता में वृद्धि होना जो प्रकृति के लिए हानिकारक साबित हो उसे वायु प्रदूषण कहते हैं। जैसे- कारखानों, वाहनों, ज्वालामुखी, निर्माण गतिविधियाँ, आदि से निकलने वाले हानिकारक पदार्थ जो सीधे वायुमंडल के संपर्क में आते हैं।
- जल प्रदूषण– यह ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मानवीय गतिविधियों की वजह से जल स्रोतों का संदूषण होता है तथा वह जल पीने, सफाई, खाना बनाने, या तैराकी के योग्य नहीं रह जाते हैं। जैसे अवशिष्ट पदार्थों को नदी में फेंक देना, उद्योगों से निकलने वाले तरल पदार्थों को सीधा जल स्रोतों में प्रवाहित करना, आदि।
- ध्वनि प्रदूषण– ध्वनि प्रदूषण को हम ऊंचे ध्वनि स्तरों के लगातार संपर्क में रहने के रूप में परिभाषित करते है, जिससे मनुष्यों तथा अन्य जीवों सामान्य जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है । मोटर वाहनों का हॉर्न, लाउडस्पीकर, उद्योंगों में चलने वाली मशीनें, आदि।
इसके अलावा भी कई प्रकार के Pollution होते हैं, जो प्रकृति पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
उपसंहार :
Pollution मूल रूप से वह स्थिति है जब प्रकृति का नुकसान होता है। हम जानते हैं कि जब प्रकृति का नुकसान होता है, तो उसका खामियाजा सारे जीव-जंतुओं को भुगतना पड़ता है। आज Pollution से पर्यावरण को बचाने के लिए कई कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें लोगों को जागरूक करना, वृक्षारोपण करना, पेट्रोल और डीजल वाले यान वाहनों का प्रयोग कम करना आदि शामिल है।
प्रदूषण पर निबंध 300 शब्द में
विज्ञान के इस आधुनिक युग में जहाँ मनुष्यों को कुछ वरदान प्राप्त हुये हैं, वहीं बहुत अभिशाप भी मिले हैं। उन्हीं अभिशाप में से एक है – Pollution, जो विज्ञान के गर्भ से जन्मा है तथा इसे सहना आज हम सभी की मजबूरी सी बन गई है।
प्रदूषण का अर्थ :
Pollution का अर्थ होता है- प्राकृतिक रूप से हो रहे संतुलन में किसी प्रकार का दोष को पैदा करना। इसके अंतर्गत हम मानवों को न शुद्ध रूप में जल मिलना, न शुद्ध रूप में वायु मिलना, न ही शुद्ध खाद्य प्राप्त होना तथा न ही शान्त वातावरण मिलना।
प्रदूषण के प्रकार :
ऐसे तो Pollution के बहुत से प्रकार हैं परंतु मुख्यतः यह तीन प्रकार के होते हैं –
(1) वायु प्रदूषण
(2) जल प्रदूषण
(3) ध्वनि प्रदूषण
- वायु प्रदूषण – शहरी क्षेत्रों में यह Pollution सर्वाधिक होता है। वहाँ पूरे समय मोटर वाहनों से, कल-कारखानों से निकलने वाले धुएँ के साथ साथ हानिकारक कण जो हवा के जरिये साँस के साथ फेफड़ों में आ जाते हैं तथा असाधारण रोगों को पैदा कर देते हैं।
- जल प्रदूषण – फ़ैक्ट्रियों , कारखानों से निकलने वाला दूषित जल जो नदी नालों से होते हुये हानिकारक जल प्रदूषण को जन्म देता है। बाढ़ के वक्त तो इन्हीं कारखानों का दूषित जल जाके नली-नालों में मिल जाता है जिससे असाध्य रोगों का जन्म होता है।
- ध्वनि प्रदूषण – आज कल के यातायात के शोरगुल, कारखानों से उत्पन्न शोर, लाउड स्पीकरों से उत्पन्न ध्वनि, मोटर गाडियों की ध्वनि इत्यादि ने मनुष्यों में बहरेपन तथा अन्य बीमारियों के अलावे तनावपूर्ण जीवन को भी जन्म दिया है।
प्रदूषण के परिणाम :
Pollution से मानव जीवन के साथ साथ प्रकृति पर भी एक गहरा प्रभाव डाला है। सुखा, बाढ़, भूकंप, ओला इत्यादि प्राकृतिक आपदाओं का कारण भी Pollution ही है।
उपसंहार :
सभी तरह के Pollution से बचाव के लिये अत्यधिक वृक्षारोपण, कारखानों को आबादी से दूर रखना, कूड़े-कचरों का निपटारा, आसपास हरियाली इत्यादि उपाय ही एकमात्र साधन हैं।
Q.Pollution का अर्थ क्या है?
Ans : Pollution का अर्थ प्राकृतिक रूप से हो रहे संतुलन में किसी प्रकार के दोष को पैदा करना है।
Q.Pollution के कारण क्या हैं?
Ans : Pollution का कारण ज्वालामुखी विस्फोट, जंगल में लगने वाली आग, नदियों और तालाबों में जानवरों को नहलाना, उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग करना, पेट्रोल और डीजल वाले इन वाहनों का प्रयोग करना आदि है।
Q.Pollution को कम करने लिए क्या करना चाहिए?
Ans : Pollution को कम करने लिए अधिक वृक्षारोपण करना, उर्वरकों का कम प्रयोग करना, जागरूकता फैलाना जैसे कार्य करने चाहिए।
यह भी पढ़े: