करीब 150 के कोटर शासन के बाद 1947 के 15 अगस्त में भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आज़ादी मिली। आज़ादी के बाद 1950 के 26 जनुअरी को भारत को गणतांत्रिक देश के रूप में स्वीकृति मिली।
गणतांत्रिक देश बनने के बाद भारत मे पहली बार राष्ट्रपति के चुनाव किया गया लेकिन क्या आपको पता है स्वाधीन भारत के प्रथम राष्ट्रपति कौन बने(pratham-rashtrapati koun the)? अगर नही तो आज हम यही आपको बताएंगे।
स्वाधीन भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने डॉ राजेंडा प्रसाद जो की 26 जनुअरी 1950 में पद ग्रहण की। वे भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रधान नेताओं में से थे और भारतीय जातीय कांग्रेस के मुख्य अध्यक्ष भी रह चुके है।
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भारत के प्रथम राष्ट्रपति कौन थे-First President of India?
स्वाधीन भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी है जो कि साल 1950 के 26 जनुअरी को राष्ट्रपति के पद ग्रहण की और 14 मई 1962 को पद से अवसर लिया। वे केवल एकमात्र राष्ट्रपति है जिन्होंने राष्ट्रपति के पद पर दो बार नियुक्त रहे।
राष्ट्रपति बनने से पहले वे भारतीय जातीय कांग्रेस की अध्यक्ष और स्वाधीनता आंदोलन के मुख नेताओं में सूची है।
भारत के दूसरे राष्ट्रपति कौन थे?
भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन है। वे 1962 के चुनाव में राष्ट्रपति नियुक्त हुई। इन्होंने 13 1962 से लेकर 13 मई 1967 तक राष्ट्रपति पद पर नियुक्त रहे।
भारत के तीसरे राष्ट्रपति कौन थे?
भारत के तीसरे राष्ट्रपति जाकिर हुसैन थे। वे 1967 चुनाव में राष्ट्रपति नियुक्त हुए। इन्होंने 13 मई 1967 से 03 मार्च 1969 तक राष्ट्रपति के भार ग्रहण की।
भारत के वर्तमान राष्ट्रपति कौन है?
भारत के वर्तमान राष्ट्रपति या कहें तो 17व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद है। जिन्होंने 25 जुलाई 2017 में राष्ट्रपति के पद पर नियुक्त हुए।
भारत के पहली महिला राष्ट्रपति कौन थे?
भारत के पहली महिला मुख्यमंत्री श्री मति प्रतिभा पाटिल थे। वे 2007 के चुनाव में राष्ट्रपति बने। इन्होंने साल 2007 के 24 जुलाई में राष्ट्रपति पद ग्रहण की और 24 जुलाई 2012 में पद से अवसर लिया।
भारत के पहला राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के जीवनी
डॉ राजेन्द्र प्रसाद के जन्म 3 दिसंबर 1984 को बिहार में स्थित सारण जिले के जीरादेई नामक गाँव मे हुई। इनके पिता के नाम महादेव सहाय और माता के नाम कमलेश्वरी देवी थे। वे अपने भाई बहनों से सबसे छोटे थे जिसके कारण घर मे सबसे ज्यादा प्यार उन्हें ही मिलता था।
डॉ राजेन्द्र प्रसाद बचपन से ही प्रतिवशाली छात्र रहे। पांच वर्ष की उम्र में ही उनके समुदाय प्रथा के अनुसार एक मौलबी के पास भेजा गया जहा से उन्हें फारसी भाषा का ज्ञान पाप्त हुआ । उसके पच्शात इन्होने हिंदी और अंकगणित भाषा की ज्ञान ली।
डॉ राजेन्द्र प्रसाद विवाह १२ वर्ष के उम्र में ही राजवंशी देवी से हो गयाडॉ राजेन्द्र प्रसाद। विवाह के बाद भी उन्होंने अपने पड़ाई जाड़ी रखा। कोलकाता विस्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में इन्होने प्रथम स्थान पाप्त किया जिसके कारन मासिक ३० रुपया का छात्र वृति प्रदान हुयी। कोलकाता विस्वविद्यालय से ही इन्होने अर्थशास्त्र में एम्.ए और कानून विभाग में डिग्री हासिल किया । जिसके लिए वे 1905 में गोल्ड मेडल से सन्मानित हुयी।
वे भारत के एकमात्र राष्ट्रपति रहे जिन्होंने राष्ट्रपति पद के 2 बार कार्यकर्ता बने। राष्ट्रपति के अलावा इन्होंने स्वाधीनता आन्दोलन तथा भारतीय जातीय कांग्रेस दल के हिस्सा भी रहे। अतः इस महान हस्ती ने 28 फरवरी 1963 में पटना बिहार में अपने अंतिम सांस लिया।
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