Children day Speech, Essay, in hindi | बाल दिवस पर भाषण निबंध हिन्दीमे

Short speech on children day in hindi | बाल दिवस पर भाषण
आज के बच्चे हमारे आने वाले भविष्य कहलाते हैं क्योंकि इनसे ही हमारा समाज पीढ़ी दर पीढ़ी एक नया स्वरूप लेता है एवं प्रगति करता है। हमारे भविष्य की बागडोर वर्तमान समय के बच्चों के हाथ में ही है। हम यूं कह सकते हैं कि हमारे राष्ट्र के भावी निर्माता आजकल के बच्चे ही हैं, जो भविष्य को ऊंचाइयों तक लेकर जाने की क्षमता रखते हैं। अच्छी शिक्षा पाकर वह देश के विभिन्न विभागों से जुड़कर प्रगति कार्य करते हैं, जिसके बाद न केवल हम बल्कि हमारा समाज और हमारा देश ऊंचाइयों को चूम उठता है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे भारत के प्रधानमंत्री रह चुके पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चे बेहद प्रिय थे और अपने व्यस्त दिनचर्या के बावजूद वह बच्चों के लिए समय अवश्य निकाल लेते थे। इसके साथ ही वह बच्चों के आस पास रहकर उनके साथ काफी समय व्यतीत करते थे और उन्हें विभिन्न घटनाओं एवं स्थितियों के जरिए सीख भी दिया करते थे। नेहरू जी के इतने प्रेम और लगाव के कारण बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। यही कारण है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस के अवसर पर 14 नवंबर को प्रत्येक वर्ष भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सन् 1956 ईस्वी से लेकर आज तक प्रत्येक वर्ष इस दिन बाल दिवस मनाया जाता आ रहा है। बात करें बाल दिवस के बारे में तो इस दिन सभी शिक्षक एवं विद्यार्थी विद्यालय परिसर में एकत्रित होकर बेहद उत्साहित ढंग से बाल दिवस मनाते हैं। इस दिन विद्यालय में कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है और बच्चे उसमें भाग लेते हैं। इस दिन विद्यालय में काफी सजावट की जाती है। इसके साथ ही रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जाता है और बच्चे भी इसका काफी आनंद उठाते हैं। इस दौरान विद्यालय में गीत संगीत के साथ साथ खूब नाच गान एवं नाटक भी होते हैं, जिसे बच्चे काफी उत्साह से करते हैं।
बाल दिवस के प्रतियोगिताओं के लिए तैयारियां कई दिनों पहले से शुरू कर दी जाती है और उसमें विद्यार्थी अधिक से अधिक बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। विद्यालयों में भाषण अथवा वाद-विवाद प्रतियोगिताएं भी रखी जाती है जिसमें बाल श्रम के साथ-साथ गरीबी रेखा से संबंधित समस्याएं और बच्चों की शिक्षा से संबंधित विषय को भी उठाया जाता है। इतना ही नहीं इसके साथ ही इस रंगमंच पर बाल दिवस के दौरान चित्रकला, कहानी अथवा कविता लेखन जैसे प्रतियोगिताओं को भी शामिल किया जाता है। यह बच्चों के मानसिक विकास में भी काफी सहायक होता है। इसके अलावा बाल दिवस के अवसर पर ही कुछ शिक्षक और विद्यार्थी जवाहरलाल नेहरू के जीवन एवं बाल दिवस से संबंधित भाषण भी देते हैं।
बाल दिवस के अवसर पर समाज में सभी वर्ग के लोगों को बाल श्रम से संबंधित कार्यों से अवगत करवाया जाता है ताकि बाल श्रम को हटाकर उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के बारे में सोचा जाए। बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए प्रत्येक वर्ष काफी उत्साह से बाल दिवस मनाया जाता है। बाल दिवस के इस शुभ अवसर पर सभी बच्चों को आत्मनिर्भर एवं देश का सच्चा नागरिक बनने की प्रेरणा दी जाती है।
प्रत्येक वर्ष बाल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि बच्चों के पालन पोषण एवं उनके अधिकारों से लोगों को वंचित न रखा जाए बल्कि प्रोत्साहित कर उन्हें आगे बढ़ने के मौके दिए जाएं। यह दिवस बच्चों को भी उनके कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों के प्रति ईमानदार रहने की प्रेरणा देता है। इस प्रकार प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस मनाकर पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि दी जाती है एवं उनके सम्मान में ही बाल दिवस बड़े उत्साह एवं श्रद्धा से मनाया जाता है।
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