स्टॉप लोस(Stop Loss) आर्डर क्या हैं, इसे कैसे लगाये?

By | 4 November 2023

आप सबको पता है शेयर बाजार एक जोखिम भरा काम है, जहा लॉस होने के चांस भी रहते है। ऐसे में हर एक ट्रेडर के कुछ नीचित रिस्क पहले से ही तय रहते है , जिसके नीचे वो ओर लॉस लेना नहीं चाहते है। यही लॉस लेना के कार्य को स्टॉप लॉस कहते है। स्टॉप लॉस के आसान मतलब समझे तो एक ऐसा प्राइस जहा लॉस को कटा जाता है।

अगर आप भी शेयर बाजार पर निवेश या ट्रेडिंग करते हो तो आपको स्टॉप लॉस के बारे में जरूर से पता होना चाहिए। अगर आप एक बिगिनर हो और आपको स्टॉप लॉस के बारे में अभी तक पता नहीं है तो आज आप सही जगह पर आए हो। क्युकी आज इस आर्टिकल में हम स्टॉप लॉस के बारे में सारी जानकारी जानने वाले है। आज हम चर्चा करने जा रहे है स्टॉप लॉस किया है, स्टॉप लॉस ऑर्डर कैसे लगाए , ट्रेल स्टॉप लॉस क्या है और भी स्टॉप लॉस संबंधित जानकारी।

स्टॉप लॉस क्या है? Stop Loss Kya Hain

stop-loss order kya hai

शेयर मार्केट एक प्रोबिबिलिटी का गेम है, जहा लाभ और लॉस दोनो होने के संबभना रहते है। जब आप कोई सौदा लेते है तो जरूरी नहीं कि हर एक में प्रॉफिट आए। ऐसे बहुत सौदे होंगे जिसमे लॉसेस भी देखने को मिलेगा। इसीलिए आपको एक ऐसा प्राइस के चयन करना पड़ेगा जिसके नीचे आप ऑर्डर से exit ले पाए, ताकि आप कम से कम लॉस में निकल पाए । इसी प्राइस को स्टॉप लॉस कहते है।

सरल भाषा में कहे तो स्टॉप लॉस का मतलब होते है लॉस में सौदे को काटना होता है। स्टॉप लॉस ऑर्डर लोग प्राइस और प्रतिशत दोनो के हिसाब से लगा सकते है। कोई कोई लोग इंडिकेटर(Indicator basics in Hindi) के उपयोग से भी स्टॉप लॉस का यूज करते है।

स्टॉप लॉस क्या है? उदाहरण सहित

स्टॉप लॉस को एक उदाहरण से समझते है। मान लीजिए आप किसी शेयर को buy किया है 100 में और मार्केट आपके विपरीत जाने लगें तो आप उसे एक फिक्स्ड प्राइस तक ही होल्ड करके रखेंगे। मैने मान लिया कि आप 95 तक होल्ड करके रखने की सोची हो । तो ऐसे में 95 आपके स्टॉप लॉस हो गया। यानी 95 के नीचे आप ओर लॉस लेना नहीं चाहते हो।

स्टॉप लॉस आपको बहुत बड़े बड़े losses से बचा सकते है।

स्टॉप लॉस ऑर्डर कैसे लगाए?

स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाने के लिए पहले आपको ब्रोकिंग अकाउंट को ओपन करना होगा। इसके बाद आपको पोजिशन पर जाकर उस स्टॉक को सिलेक्शन करना है जिससे आप exit लेना चाहते हो । अब सेल बोटन पर क्लिक करने के बाद आपको SL Market और SL limit दिखने को मिलेगा , वहा आप किसी एक पर जाकर प्राइस देकर स्टॉप लॉस ऑर्डर को लगा सकते हो।

Buy स्टॉप लॉस ऑर्डर क्या है?

जैसे कि आप जान गए होंगे स्टॉप लॉस ऑर्डर आप किसी भी स्टॉक से exit लेते वक्त लॉस को काटने के लिए उपयोग करते हो।

लेकिन इसका एक उपयोग स्टॉक buy करने में भी किया जा सकता है, इसे ही Buy स्टॉप लॉस ऑर्डर कहते है। जैसे कि किसी स्टॉक के प्राइस अभी 98 चल रहे और आप चाहते हो जब स्टॉक 100 में buy करना तो ऐसे में आप स्टॉप लॉस buy order का यूज कर सकते हो।

सिम्पली आप Buy पर क्लिक करके SL order को सेलेक्ट करके वहा प्राइस डालकर ऑर्डर को एक्जिक्यूट कर सकते हो। ऐसे में जब भी स्टॉक के प्राइस 100 आ जायेगा , वो स्टॉक buy हो जायेगा।

Trail स्टॉप लॉस ऑर्डर कैसे काम करते है?

ट्रेल स्टॉप लॉस का मतलब होते है प्राइस ऊपर जाने के बाद एक स्टॉप लॉस का सेट करना । जैसे कि अपने कोई स्टॉक 100 में buy किया जिसका स्टॉप लॉस था 95, अभी वो स्टॉक के प्राइस 120 चल रहे है और आप चाहते हो कि अगर मार्केट घूमे तो मैं 110 तक ही इसे होल्ड करें। 110 में स्टॉक को सेल कर देंगे । यानी कि आपके पहले स्टॉप लॉस था 95 और इसे आप ट्रेल करके 110 तक लेकर आए हो।

ट्रेल स्टॉप लॉस का यूज लोग किसी स्टॉक से ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट लेने के लिए करते हो।

ट्रेल स्टॉप लॉस के कारण कोई स्टॉक अगर ऊपर जाने के बाद घूमने लगे तो तब भी आप कुछ न कुछ प्रॉफिट ले पाते हो।

SL Limit और SL मार्केट ऑर्डर क्या है?

आपको ब्रोकिंग में दो ऑप्शन दिखने को मिलेगा SL Limit और SL market ऑर्डर। ऐसे में आप कौनसा चयन कर सकते है!

SL लिमिट में आपको दो प्राइस डालने को मिलते है, trigger price और price. Trigger में आपको उस प्राइस को डालना होता है जहा आपके ऑर्डर एक्टिवेटेड हो जाए और प्राइस पर आप सेलिंग प्राइस को डालना होता है। एक्जिक्यूट करने के बाद आपके इन्ही दो प्राइस के बीच जहा बायर मिले सेल कर देगा।

SL market में आपको सिर्फ trigger के ऑप्शन ही मिलते है। इसमें ट्रिगर price या इसके नीचे जहां पर भी बायर मिले उस प्राइस पर ही सेल हो जायेगा।

यह दोनो का डिफरेंस आप जब यूज करेंगे , तब खुद से ही समझ जाओगे।

स्टॉप लॉस हंटिंग क्या है?

स्टॉप लॉस हंटिंग शेयर बाजार के एक रणनीति है शेयर को चयन करने की।

मार्केट पर एक बाते बहुत ज्यादा चर्चित रहते है कि बड़े ट्रेडर छोटे ट्रेडर के स्टॉप लॉस खाने को आते है। जैसे छोटे ट्रेडर के SL हिट होते है वो exit लेने लगते है तो बड़े ट्रेडर अपने माल को खरीदते रहते है।

SL hunting में लिक्विडिटी का भी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण रहते है। जैसे कि अगर कोई इंस्टीट्यूट किसी स्टॉक में निवेश करेंगे तो वो बहुत बड़ी क्वांटिटी में माल उठाएंगे। ऐसे में वो ऐसे जगह को डूंडेगा जहा ज्यादा लिक्विडिटी हो। ऐसे जगह वह होते है जहा ज्यादातर रिटेल ट्रेडर के स्टॉप लॉस होते है।

Conclusion

अगर आप सिस्टमेटिक तरीके से स्टॉप लॉस के साथ शेयर बाजार काम करते हो तो यह आपको बड़े लॉस से बचा सकते हो। आज ट्रेड डालने से पहले स्टॉप लॉस के बारे में हर एक ट्रेडर को जानना अनिवार्य है और मुझे उम्मीद है अगर आप यहाँ तक आर्टिकल को पढ़े हो तो आप स्टॉप लॉस को बहुत अच्छे से समझ गए होंगे।

तो दोस्तो आशा है स्टॉप लॉस क्या है, स्टॉप लॉस कैसे यूज किया जाता है आप समझ गए होंगे। स्टॉप लॉस को लेकर अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमे कमेंट करके पूछ सकते है।

जय श्री राम

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