माना जाता है और यह भी सत्य ही है कि जीवन में सफल होने के लिए शिक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है। शिक्षा देश को आगे बढ़ाने के लिए और युवाओं के भविष्य को बनाने के लिए बहुत ही जरूरी जगा निभाती है।
प्राचीन काल से ही गुरु का हमारे जीवन में बहुत योगदान है। हमारे भारत देश में गुरुओं को सबसे उचित स्थान पर मांगा गया है गुरुओं के ज्ञान और मार्गदर्शन से हर युवा सफलता के शिखर तक पहुंच जाता है।
इसलिए लोग यह भी कहते हैं,
गुरुब्रह्मा गुरुविष्णु:
गुरुदेवो महेश्वरा: ।
गुरु:साक्षात परब्रह्मा
तस्मै श्री गुरुवे नमः।

शिक्षा ज्ञान और बुद्धि के सच्चे प्रतिरूप होते हैं, एवं छात्रों को शिक्षा के द्वारा जीवन जीने का सही तरीका और सही मायने बताते हैं। वह हमारे जीवन में एक प्रकाश के स्त्रोत होते हैं। हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षकों का काफी महत्वपूर्ण योगदान होता है।
शिक्षक हमारी ज्ञान को शक्कर और आत्मविश्वास में सुधार करने के लिए एवं सफलता प्राप्त करने के लिए सही रास्ता चुनने में हमारी सहायता करते हैं। अतः प्रत्येक छात्र का यह प्रथम कर्तव्य है कि शिक्षकों के इस अमूल्य योगदान के लिए कम से कम 1 दिन हमें उनका धन्यवाद देना चाहिए और उसे आशीर्वाद लेना चाहिए, इसीलिए शिक्षिकाओं को धन्यवाद देने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है जिसे हम अंग्रेजी में Teacher’s day कहते हैं।
5 सितंबर को टीचर्स डे मनाने का क्या कारण है?
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन दार्शनिक एवं महान शिक्षक थे। शिक्षा में उनका काफी लगा था और उन्हें पढ़ना काफी ज्यादा पसंद था।
वह भारत के पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति भी रह चुके थे। वह पूरी दुनिया को स्कूल मानते थे उनका मानना था कि जब कभी भी कहीं से भी कुछ सीखने को मिले तो उसे कभी अपने जीवन में सिख व उतार लेना चाहिए।
वह अपने छात्रों को पढ़ाते समय उनकी बौद्धिक विकास पर बहुत ही ज्यादा ध्यान देते थे।
एक बार डॉक्टर सर्वपल्ली के छात्रों ने उनका जन्मदिन बनाने का सोचा तो जब उनके छात्र उनसे अनुमति लेने गए तब उन्होंने कहा कि अलग से जन्मदिन बनाने की बजाय यदि वह शिक्षक दिवस के रुप में मनाए तब उन्हें ज्यादा अच्छा लगेगा, तब से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है और यह संपूर्ण भारत में मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस का क्या महत्व है और इसे कैसे मनाया जाता है?
यह एक ऐसा दिवस होता है जिस दिन दोनों शिक्षक और छात्र इस दिन का इंतजार करते हैं। इस दिन छात्रों को यह जानने का मौका मिलता है कि उनके जीवन में शिक्षकों का कितना महत्व है। इस दिन स्कूलों में कई तरह के उत्सव होते हैं व कार्यक्रम होते हैं कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं जिसमें शिक्षक और छात्र दोनों हिस्सा लेते हैं। इस दिन छात्र शिक्षकों को उपहार देते हैं और उनसे आशीर्वाद लेते और गुरु शिष्य परंपरा को कायम रखने का संकल्प लेते हैं।
शिक्षक होना एक बहुत ही महत्वपूर्ण धर्म होता है श्री नरेंद्र मोदी जी का मानना यह है कि शिक्षक को आप किसी व्यवसाय की तरह ना देख कर एक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा ही मानकर चलें। इस बार श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है कि शिक्षकों का बच्चों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि आने वाले समय में बच्चों को एक नई चुनौतियों के लिए तैयार करना शिक्षकों का बहुत बड़ा कर्तव्य है।
शिक्षक के बिना कोई भी व्यक्ति ना तो डॉक्टर बन सकता है नाही इंजीनियर बन सकता है बिना शिक्षकों के अपने भविष्य को बनाना असंभव होता है। विज्ञान एक शिक्षक ही दे सकता है।
शिक्षक दिवस के दिन उपराष्ट्रपति शिक्षकों को राष्ट्रीय सम्मान से नवाजे हैं। इस पुरस्कार द्वारा प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, उच्च माध्यमिक विद्यालय में उत्कृष्ट शिक्षण करने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत करके उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है।
यह एक ऐसा दिवस है जो कि पूरी दुनिया में मनाया जाता है परंतु इसकी खास बात यह है कि यह दिवस अलग-अलग देशों में अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है, जैसे यूनेस्को में 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है ऐसे ही 100 देशों से ज्यादा देशों में यह शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
इस दिन हम डॉक्टर सर्वपल्ली राधा कृष्ण से यह सीखते हैं कि किस प्रकार एक छोटे शहर का लड़का भारतीय राजनीतिक में सम्मानित राजनीतिज्ञ बन गया। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना यह है की पुस्तकों के द्वारा प्राप्त किए हुए ज्ञान से हम अलग-अलग संस्कृतियों के बीच भाईचारे का निर्माण कर सकते हैं।
हमारे जीवन में शिक्षकों का कितना महत्वपूर्ण योगदान शुरू से रहा है। माना जाता है कि भारत एक ऐसा देश है जिसमें शिक्षकों को सबसे ऊंचे स्थान पर यानी मां बाप से पहले रखा गया है। कहा जाता है शुरुआत से ही गुरुओं ने अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए काफी योगदान दिए हैं अपनी शिक्षा का सही इस्तेमाल करके उन्होंने आने वाली नई पीढ़ियों के भविष्य को उज्जवल बनाने की सदैव कोशिश की है।
आज के इस युग में जहां पर तकनीकी चीजों ने अपनी काफी जगह ले रखी हैं वहां पर हमारे शिक्षक हमें हमेशा उच्च शिक्षा प्राप्त करवाने की कोशिश करते हैं। हमारे श्री नरेंद्र मोदी जी सदैव कोई ना कोई कार्यक्रम खास शिक्षकों के लिए करवाते हैं ताकि वह नई नीतियों के हिसाब से आने वाली पीढ़ियों को उज्जवल शिक्षा प्रदान कर सके।
सारांश
दोस्तों हमारे शिक्षक हमारे भविष्य को बेहतर बनाने के लिए सदैव हमारे साथ खड़े रहते हैं। तो यह है हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने शिक्षकों का सम्मान करें उनके प्रति अपने भावों को प्रकट करें और उनके लिए कुछ ऐसा करें जिससे उन्हें अपने छात्रों पर गर्व हो।
हमारे यहां ऐसे काफी शिक्षक हैं जो अपना पूरा समय अपने घरवालों से भी ज्यादा अपने छात्रों को देते हैं ताकि वह छात्र अपने आने वाले भविष्य को उज्जवल बना सके। इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि उनके इस योगदान की सराहना करते हुए शिक्षक दिवस पर उनके लिए कुछ ऐसा करें जिससे उन्हें यह पता चल सके कि हम छात्र भी उनके इस योगदान का सम्मान करते हैं।
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और यदि आपको लगता है कि यह आर्टिकल दूसरों को भी पढ़ना चाहिए ताकि वह भी यह जान सके कि हमारे शिक्षक हमारे लिए कितनी मेहनत करते हैं तो उनके साथ जरूर शेयर कीजिएगा।
धन्यवाद
अन्य आर्टिकल:
निबंध |
---|
प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध |
स्वतंत्रता दिवस निबंध |
क्रिसमस पर निबंध |
विश्व जनसंख्या दिवस निबंध |
नशा मुक्ति दिवस |
पर्यावरण दिवस पर निबंध |
कोरोना वायरस पर निबंध |
FAQ :
टीचर डे कब मनाया जाता है?
टीचर डे 5 सितम्बर को मनाया जाता है
वर्ल्ड टीचर डे कब मनाया जाता है?
वर्ल्ड टीचर डे 5 ओक्टुवर को मनाया जाता है
किनके जन्मदिन के उपलक्ष में शिक्षक डे मनाया जाता है?
सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन उपलक्ष में शिक्षक डे मनाया जाता है