स्वर ऐसी ध्वनियों को कहा जाता है, जो बिना किसी अन्य वर्णों की सहायता से उच्चारित की जाती है। अर्थात ऐसे वर्ण जो स्वतंत्र रूप से बोले जाते हैं, स्वर कहलाते हैं।
जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से ना होकर स्वरों की सहायता से होता है, उन्हें व्यंजन कहते हैं। अर्थात व्यंजन का उच्चारण करने के लिए अन्य वर्णों की सहायता ली जाती है।
विकारी शब्द का वह रूप, जिससे उसकी संख्या का बोध होता है, वचन कहलाता है।
क्रिया अर्थात करना या होना। वाक्य में जिस शब्द से कुछ करना या होना सूचित होता है, उसे क्रिया कहते है। जैसे- राम गया । यहाँ "गया" क्रिया है।
समास का अर्थ है संमिलन अर्थात दो या अधिक शब्द का मिल कर एक होना। परस्पर संबंध रखनेवाले दो या दो से अधिक स्वतंत्र शब्द को जोड़कर एक शब्द बनाना ही समास है।