दोस्तों आज हम एक ऐसे विषय के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल लोग अपने कार्य में बहुत ही ज्यादा करते हैं। आज हम टोपोलॉजी के बारे में बात करने जा रहे हैं।
टोपोलॉजी एक ऐसा विषय है जिसके बारे में जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि इसका इस्तेमाल आज के इस डिजिटल युग में बहुत ज्यादा बढ़ चुका है और इसकी मदद से लोग अपने व्यापार को काफी आगे बढ़ाते जा रहे हैं।

टोपोलॉजी एक तरह से नेटवर्क का लेआउट या आकृति होती है मतलब किसी तरह एक नेटवर्क दूसरे नेटवर्क से जुड़ा होता है यदि इससे सरल भाषा में कहा जाए तो जब एक कंप्यूटर अलग-अलग कंप्यूटरों से जुड़ा होता है और बातचीत कर पाता है उसे टोपोलॉजी कहते हैं।
जब एक कंप्यूटर नेटवर्क द्वारा डाटा को बाकी अलग-अलग कंप्यूटर में भेजता है, जिसे हम डेटाफ्लो(data flow)भी कहते है, वह टोपोलॉजी द्वारा ही संभव हो पाता है।
टोपोलॉजी कंप्यूटर के अंदर डाटा को ब्लॉक करने की जो मैट्रिक अरेंजमेंट को कहा जाता है।
टोपोलॉजी के प्रकार ( types of topology)
टोपोलॉजी कुछ इस प्रकार के होते हैं:-
- रिंग टोपोलॉजी
- बस टोपोलॉजी
- स्टार टोपोलॉजी
- मेष टोपोलॉजी
- ट्री टोपोलॉजी
- नेटवर्क टोपोलॉजी
- हाइब्रिड टोपोलॉजी
- फिजिकल टोपोलॉजी
- लेन टोपोलॉजी
- रिंग टोपोलॉजी(Ring topology)
रिंग टोपोलॉजी में सभी कंप्यूटरों को गोलाकार स्ट्रक्चर में जोड़ा जाता है। इस स्ट्रक्चर में सारे कंप्यूटर एक दूसरे को डेटाफ्लो करते हैं, इसलिए इन कंप्यूटर में कोई मुख्य कंप्यूटर नहीं होता सारे एक दूसरे पर निर्भर होते हैं।
इस स्ट्रक्चर में यह निर्धारित करना काफी जरूरी होता है, कि कौनसा डाटा किस कंप्यूटर के लिए है, ताकि जिन कंप्यूटर का डाटा वह नहीं होता वह कंप्यूटर उससे आगे दूसरे कंप्यूटर पर भेज सकें और सही कंप्यूटर पर वह डांटा पहुंच जाएं।
- बस टोपोलॉजी (Bus topology)
बस टोपोलॉजी में केवल एक ही Nodes और केबल का इस्तेमाल किया जाता है। इस टोपोलॉजी में एक केबल ली जाती है, जिससे अलग-अलग कंप्यूटर को एक ही क्रम में रखकर जोड़ा जाता है और इन केबलों के आखिरी छोर पर एक-एक टर्मिनल रखा जाता है जिसका कार्य सिग्नल को कंट्रोल करना होता है।
यह एक ऐसी टोपोलॉजी है जिसे स्थापित करना काफी ज्यादा आसान होता है, और इसकी खास बात यह है कि बाकी टोपोलॉजी के मुकाबले इसमें केबल(cable) का इस्तेमाल भी कम होता है।
बस टोपोलॉजी के फायदे के साथ एक बड़ा नुकसान यह है, कि यदि किसी कंप्यूटर मैं किसी प्रकार की कोई खराबी आ जाए तो सारा डाटा संचार रुक जाता है। तब इससे फिर से जोड़ना या ठीक करना काफी मुश्किल हो जाता है।
- स्टार टोपोलॉजी (Star topology)
इस स्टार टोपोलॉजी में एक मुख्य कंप्यूटर होता है, जो बाकी कंप्यूटरो को नियंत्रित रखता है। इसमें अलग-अलग कंप्यूटर केवल एक ही कंप्यूटर से जुड़े होते हैं। इनका आपस में कोई जोड़ नहीं होता। इसके स्ट्रक्चर की वजह से इसे चार टोपोलॉजी कहा जाता है।
इस टोपोलॉजी में सारा सिस्टम एक मुख्य कंप्यूटर से जुड़ा होता है, इसलिए यदि मुख्य कंप्यूटर में किसी प्रकार की कोई खराबी आ जाए तो सारा संचार रुक जाता है।
इस टोपोलॉजी में लागत कम आती है। इसका फायदा यह है कि यदि मुख्य कंप्यूटर के अलावा कोई और कंप्यूटर में किसी प्रकार की कोई खराबी आ जाए तो इसका काम अथवा संचार नहीं रुकता, बाकी कंप्यूटर अपना काम करते रहते हैं।
- मेश टोपोलॉजी (Mesh topology)
यह टोपोलॉजी एक जाल की तरह होता है। इसमें सारे कंप्यूटर किसी प्रकार से एक दूसरे से जुड़े होते हैं। इस टोपोलॉजी के स्ट्रक्चर की वजह से इसे मेश टोपोलॉजी कहा जाता है।
टोपोलॉजी में कोई मुख्य कंप्यूटर नहीं होता। सारे कंप्यूटर एक दूसरे को आसानी से डाटा भेजते रहते हैं।
- ट्री टोपोलॉजी(Tree topology)
ट्री टोपोलॉजी एक तरह से स्टार टोपोलॉजी और बस टोपोलॉजी का मिश्रण होता है। इस टोपोलॉजी में आपको कहीं ना कहीं से बस टोपोलॉजी और स्टार टोपोलॉजी के लक्षण मिल ही जाएंगे।
इस टोपोलॉजी में कंप्यूटर को पहले बस टोपोलॉजी के स्ट्रक्चर की तरह जोड़ा जाता है, फिर उन कंप्यूटरों को मुख्य कंप्यूटर मानकर स्टार टोपोलॉजी की तरह अलग-अलग और ज्यादा कंप्यूटरों से जोड़ा जाता है।
इस टोपोलॉजी की बुरी बात यह है कि यदि मुख्य कंप्यूटरो को जोड़े जाने वाली तार टूट जाए तो काम रुक जाता है, और जोड़ना काफी कठिन हो जाता है।
इसमें इस्तेमाल होने वाली तार भी काफी लंबी होती है और इसकी लागत भी ज्यादा आती है।
- नेटवर्क टोपोलॉजी(Network Topology)
नेटवर्क टोपोलॉजी का काम अलग-अलग कंप्यूटरों के बीच होने वाली डेटाफ्लो और कम्युनिकेशन को व्यवस्थित करना होता है।
जैसे:- टेलीकम्युनिकेशन(telecommunication)नेटवर्क, कमांड, कंट्रोल रेडियो नेटवर्क, इंडस्ट्रियल फील्डबस नेटवर्क, आदि।
यह टोपोलॉजी नेटवर्क कॉल लॉजिकल(logical) और फिजिकल(physical)टॉपलॉजिकल स्ट्रक्चर निर्धारित करता है।
- हाइब्रिड टोपोलॉजी(Hybrid topology)
हाइब्रिड टोपोलॉजी एक ऐसी टोपोलॉजी होती है, जिसमें आप अलग-अलग प्रकार की टोपोलॉजी का मिश्रण करके अलग टोपोलॉजी बना सकते हैं।
यह टोपोलॉजी दूसरे टोपोलॉजी के लक्षणों पर आधारित होता है, इसलिए इसका खुद का कोई विशेष लक्षण नहीं होता है।
- फिजिकल टोपोलॉजी(physical topology)
फिजिकल टोपोलॉजी में भौतिक लेआउट को दर्शाया जाता है इस नेटवर्क में इस्तेमाल किए जाने वाली nodes सब फिजिकल लेआउट का हिस्सा होते हैं। यह नेटवर्क के बीच होने वाली बातचीत के तरीके को दर्शाता है।
- लेन टोपोलॉजी(Lan topology)
इस टोपोलॉजी का मुख्य काम मुख्य काम कम्युनिकेशन के सिस्टम को आकार देना है।
यह सिस्टम के आकार को निर्धारित करता है। इस टोपोलॉजी के अंतर्गत जो टोपोलॉजी आते हैं वह बस टोपोलॉजी, स्टार टोपोलॉजी, आदि इसे बैकबोन भी कहा जाता है।
टोपोलॉजी की विशेषताएं(Importance of topology)
टोपोलॉजी का आइडिया मैथमेटिक्स में से आया है। इसका आईडिया आगे के विकास के लिए निकाला गया था। टोपोलॉजी की मदद से लोग अपना काम बड़े स्तर पर बहुत आसानी से कर पाते हैं।
इसकी मदद से आप वस्तुओं के बीच संबंध बना पाते हैं।
कुछ ऐसे स्थानिक कार्य होते हैं जिनमें टोपोलॉजी का होना बहुत ही आवश्यक होता है। जैसे लीनियर नेटवर्क के द्वारा रूटिंग करना।
अच्छा नियंत्रण और ज्यादा डाटा फ्लो के लिए टोपोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।
सारांश(summary)
टोपोलॉजी का मुख्य काम नेटवर्क को आकृति देना है। टोपोलॉजी की मदद से अलग-अलग लेआउट को बनाया जा सकता है।
एक कंप्यूटर को अलग-अलग कंप्यूटरों से अलग अलग तरीके से जोड़ा जाना टोपोलॉजी द्वारा ही संभव हो पाता है।
टोपोलॉजी की मदद से आप एक कंप्यूटर से डाटा को अनेक कंप्यूटरों में भेज सकते हो, वह भी काफी नए और अलग-अलग तरह के लेआउट की मदद से। टोपोलॉजी को जोमैट्रिक अरेंजमेंट भी कहा जाता है।
टोपोलॉजी के अलग-अलग प्रकार होते हैं जैसे:-
- रिंग टोपोलॉजी:- यह टोपोलॉजी सर्कुलर स्ट्रक्चर में होती है। इस टोपोलॉजी में डाटा काफी आसानी से किसी और कंप्यूटर में भेजा जा सकता है, परंतु यदि अगर किसी एक कंप्यूटर में खराबी आ जाए तो सारा सिस्टम का संचार रुक जाता है।
- बस टोपोलॉजी:- टोपोलॉजी का स्ट्रक्चर एक बस की तरह ही होता है इसमें एक केबल से अलग-अलग कंप्यूटरों को जोड़ा जाता है और दोनों चोर के आखिरी में टर्मिनल को लगाया जाता है। इस टोपोलॉजी में केबल कम मात्रा में इस्तेमाल होती है परंतु यदि किसी एक कंप्यूटर में खराबी आ जाए तो उसे फिर से ठीक करना है मैं काफी मुश्किलें आती हैं।
- स्टार टोपोलॉजी:- स्टार टोपोलॉजी का स्ट्रक्चर भी एक स्टार की तरह ही होता है। इसमें एक मुख्य कंप्यूटर होता है जो काफी अलग-अलग कंप्यूटरों से जुड़ा होता है और उन्हें डाटा भेजता है। इसका फायदा यह है कि मुख्य कंप्यूटर के अलावा यदि कोई और कंप्यूटर में खराबी आ जाए तो बाकी कंप्यूटरों का काम चलता रहता है।
- मेश टोपोलॉजी= इस टोपोलॉजी का स्ट्रक्चर एक जाले की तरह होता है इतने सारे कंप्यूटर एक दूसरे से जुड़े होते हैं परंतु यदि इसमें एक कंप्यूटर में खराबी आ जाए तो बाकी कंप्यूटर पर भी शराबी आ जाति है
- ट्री टोपोलॉजी= इस टोपोलॉजी में दो अलग-अलग टॉपर लॉजी का मिश्रण होता है इस टोपोलॉजी का खुद का कोई विशेष लक्षण नहीं होता है।
- नेटवर्क टोपोलॉजी= इस टोपोलॉजी का मुख्य कार्य नेटवर्क को आकार देना होता है।
- हाइब्रिड टोपोलॉजी= यह एक ऐसा अनोखा टोपोलॉजी है जिसमें आप अलग अलग और कोई भी दो टोपोलॉजी या उससे ज्यादा का मिश्रण करके एक नया टोपोलॉजी बना सकते हैं।
- फिजिकल टोपोलॉजी= टोपोलॉजी का मेन कारण भौतिकी लेआउट को बचाना होता है।
- लेन टोपोलॉजी= सपना जी का मेन कार्य कम्युनिकेशन को आकार देना होता है। टोपोलॉजी के अंतर्गत काफी अलग-अलग टोपोलॉजी आते हैं।
इस टोपोलॉजी का आईडिया मैथमेटिक्स आया है। स्कॉर्पियो जिओ की मदद से आप अलग-अलग तरह के नेटवर्क के लेआउट और फ्रेम वर्क को बना सकते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने यह जाना कि टोपोलॉजी किसे कहा जाता है, टोपोलॉजी के कुल कितने प्रकार होते हैं और टोपोलॉजी की क्या विशेषताएं है। और इन सबके बीच हमने यह भी जाना कि टोपोलॉजी किस प्रकार अलग-अलग फ्रेमवर्क को बनाती है, और किस प्रकार यह अनेकों कंप्यूटरों में बहुत ही आसानी से डाटा को भेज देती है।
आशा करते हैं कि आपको यह आर्टिकल बहुत ही ज्यादा पसंद आया होगा और इस आर्टिकल से आपको काफी नई जानकारियां प्राप्त हुई होंगी और यदि अगर आपको लगता है कि यह आर्टिकल किसी और को भी पढ़ना चाहिए ताकि उसके भी आने वाले कामों में यह जानकारी सहायता कर सकें तो यह आर्टिकल उसके साथ शेयर जरूर कीजिएगा।
धन्यवाद