यश ढुल का जीवन परिचय, कौन है यश धुल, जन्म, लम्बाई, आयु | Yash Dhull Biography in Hindi, Age, Birth , Height

दोस्तों ! आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसे शख्सियत की, जिन्होंने बेहद ही कम उम्र में क्रिकेट जगत में एक बहुत बड़ी लोकप्रियता हासिल की है। हम बात कर रहे हैं यश ढुल की। इस आर्टिकल के माध्यम से हम यश ढुल की जीवनी के बारे में बताने वाले हैं, जो अब क्रिकेट जगत में काफी चर्चित खिलाड़ी बन चुके हैं। बता दें कि इनके क्रिकेटर बनने के पीछे इनके पिता का बहुत बड़ा योगदान रहा है। अपने बेटे यश को क्रिकेटर बनाने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी तक को छोड़ दिया था। इसी कारण यश के घर का खर्च केवल उनके दादा के पेंशन पर निर्भर था। सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया है, जिसके बदौलत ही वह आज यहां तक पहुंच पाए हैं। चलिए आज हम यश ढुल के सफलता की कहानी के बारे में बताते हैं।
Profession | Cricket |
Batting Style | Right Hand Bat |
Bowling Style | Rightarm off break |
Birth | 2 Nov. 2002 |
Birth Place | New Delhi |
Locality | Jonakpur, delhi |
Height | 5.9 Feet |
यश ढुल का कौन हैं?
अपने देश के लिए खेलना तो सभी क्रिकेटर का एक सपना होता है परंतु यदि उसे कप्तानी का मौका मिले तो फिर उसके लिए कुछ अलग ही बात है। आज हम बात कर रहे हैं दिल्ली के जनकपुर में रहने वाले यश ढुल की। उनके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। बीसीसीआई द्वारा अंडर-19 एशिया कप के लिए एक टीम को गठित किया जा रहा है जिसके लिए कुल 20 सदस्यों को चुना गया। उन 20 सदस्यों में से ही किसी एक सदस्य को टीम की कमान सौंपी जाने वाली है। इसका मतलब यह है कि टीम के 19 सदस्यों में से किसी एक को उस टीम का कप्तान बनाया जाने वाला है ।
दिल्ली के रहने वाले युवा खिलाड़ी यश ढुल को टीम का कप्तान बनाया गया । इनके बारे में कहा जाता है कि यह बहुत ही कमाल के क्रिकेटर है। यश की उम्र भले ही कम है लेकिन इनके अंदर मौजूद प्रतिभा बहुत अधिक है। इनके अंदर की प्रतिभा को कई बार लोगों के द्वारा खेल के मैदान में देखा भी जा चुका है।
यश ढुल का जन्म
यश ढुल केवल 19 साल के हैं। इन्होंने बहुत ही कम उम्र में बहुत अधिक कामयाबी हासिल की है। बता दें कि यश का जन्म दिल्ली में 11 नवंबर 2002 को हुआ था। इनके पिता का नाम विजय ढुल एवं माता का नाम नीलम ढुल है। यश के पिता एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं एवं उनकी माता एक गृहणी है। यश की एक बहन है। इसके अलावा उनके परिवार के मुखिया की बात करें तो उनके दादाजी जो की आर्मी में थे, वह अब आर्मी से रिटायर हो चुके हैं।
यश ढुल ने अपनी स्कूली शिक्षा
यश की स्कूली शिक्षा की बात करें तो यश ने दिल्ली के ही बाल भवन स्कूल अकादमी से अपनी स्कूली शिक्षा प्रारंभ की थी। क्रिकेट में अपना करियर बनाने के लिए जब उन्होंने कदम रखा, तब के उनके कोच का नाम प्रदीप कोच्चर और राजेश नागर है।
यश ढुल में एक क्रिकेटर बनने के गुण को सबसे पहले किसने देखा?
यश के पिता को आज भी यह याद है कि पहली बार यश में एक क्रिकेटर के गुण किसे नजर आए थे। उन्होंने इस बात को याद करते हुए कहा है कि पहली बार यश की मां ने 4 साल के यश में क्रिकेट में रुचि एवं गेंद की समझ को देखा था। सबसे पहले उनकी पत्नी ने यह बात यश के दादाजी एवं उन्हें बताई थी। इसके बाद ही उनके परिवार को इस बात का पता चला कि यश को एक बेहतरीन क्रिकेटर बनाया जा सकता है। यश के पिता खुद ही कई कई घंटों तक अपने घर की छत पर यश को क्रिकेट खेलने की प्रैक्टिस करवाते थे।
यश को क्रिकेट में अपना करियर बनाने के लिए किसने साथ दिया
यदि एक बच्चे के साथ उनके माता पिता का साथ हो तो एक बच्चा कहां से कहां पहुँच जाता है। दुनिया में ऐसे बहुत ही कम लोग होते हैं जिन्हें उनके कैरियर को आगे ले जाने में एवं उसे बनाने में उनके माता-पिता का साथ मिल पाता है। ऐसे ही लोगों में से एक है यश जिनकी प्रतिभा को देखते हुए उनके माता-पिता ने उन्हें एक ऐसे अकादमी में भर्ती करवाया जहां उन्हें क्रिकेट का एक अच्छा प्रशिक्षण प्राप्त हुआ।
युवा क्रिकेटर यश ढुल दिल्ली में जनकपुरी के रहने वाले हैं। यश को इस मुकाम तक पहुंचाने के पीछे उनके परिवार का एक बहुत बड़ा हाथ है। यश मिडिल ऑर्डर में खेलते हैं एवं वह दिल्ली का नेतृत्व अंडर 16 के दिनों से कर रहे हैं। यश के पिता ने उनका करियर बनाने के लिए अपनी नौकरी तक को छोड़ दिया ताकि वह यश का हर पल साथ दे सकें एवं उन्हें कामयाबी की राह तक ले जाएं।
यश के पिताजी की नौकरी छोड़ने पर उन पर क्या असर दिखा?
यश के पिता की नौकरी छोड़ने पर यश के दादाजी जो की आर्मी में काम करते थे और रिटायर्ड हो चुके थे, एक रिटायर्ड ऑफिसर को सरकार की तरफ से पेंशन दिया जाता है केवल उसी पेंशन से यश का घर खर्च चलता था। यश के पिताजी ने केवल यश का कैरियर बनाने के लिए अपनी नौकरी तक को छोड़ दिया था। यश के करियर को बनाने में उनके पिताजी के साथ-साथ उनके दादाजी की भी एक अहम भूमिका दिखाई पड़ती है। उनके परिवार ने उन्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी शायद इसी वजह से आज वह इस मुकाम पर पहुंच गए हैं जहां उन्हें पूरा देश जाने लगा है।
क्रिकेट जगत में यश ढुल के सफर की शुरुआत
यश ने बहुत ही कम उम्र में ही काफी कामयाबी हासिल कर ली है। इनके बारे में कहा जाता है कि इन्होंने बहुत ही कम उम्र में ही क्रिकेट खेलना आरंभ कर दिया था। यश ने महज 6 वर्ष की उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था एवं तब से ही ऐसा कोई दिन नहीं होगा जब उन्होंने अपने बल्ले को हाथ में न लिया हो।
यश ढुल का सफर कहाँ शुरू हुआ था?
यश ढुल के क्रिकेट का सफर उनके घर की छत से शुरू हुआ था। वह जब छोटे थे तब वह अपने घर के छत पर क्रिकेट खेला करते थे। उसके बाद जैसे-जैसे यश की क्रिकेट में रूचि बढ़ती गयी तो उनके परिवार वालों ने यह तय किया कि उन्हें अब किसी अच्छे क्रिकेट अकैडमी में भर्ती करवा देना ही सही होगा। उनके परिवार वालों का यह निर्णय उनके परिवार एवं देश के लिए काफी फायदेमंद सिद्ध हुआ।
यश ने बहुत बाद में क्रिकेट में अपना पेशेवर कैरियर बनाने का सोचा जिसमें उनके परिवार में उनकी मदद की। यश ने 11 साल की उम्र में बाल भवन स्कूल अकैडमी में जाने से पहले भारतीय कॉलेज के एक स्थानीय अकादमी में कदम रखा। 12 साल की उम्र में ही उन्होंने दिल्ली टीम का नेतृत्व करते हुए अंडर 14 से खेला। तभी उनके परिवार को इस बात का एहसास हुआ कि वह क्रिकेट में अपना एक अच्छा करियर बना सकता है।
यश ने किसी को भी अपना रोल मॉडल नहीं बनाया है। उनका कहना है कि जो भी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलता है हमें उससे काफी कुछ सीखने को मिलता है। वे कहते हैं कि में हर किसी के खेल को उतनी ही बारीकी से फॉलो करता हूं परंतु कभी उनकी नकल नहीं करता इसके अलावा हर एक खिलाड़ी मेरा हीरो है। यश ढुल विनू मांकड ट्रॉफी में अपना सौ प्रतिशत देकर सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी में से एक थे। यश ने डीडीसीए के लिए खेलकर पांच मैचों में औसत 75.50 से लगभग 302 रन बनाए थे।
यश के क्रिकेट करियर की शुरुआत उनके घर की छत से हुई थी उसके बाद उन्होंने अंडर 16 के दिनों से दिल्ली का नेतृत्व करना शुरू किया एवं उसके बाद वह अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम के कप्तान बन गए। अगले साल यानी 2022 में 14 जनवरी को उनका वेस्टइंडीज की मेजबानी में इस टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है।
आईसीसी के इस टूर्नामेंट के लिए एलान इसी रविवार को भारतीय टीम ने किया। भारतीय टीम अपने चार बार की चैंपियन टूर्नामेंट में अपना पहला मुकाबला 14 जनवरी को खेलने वाली है। आंध्र प्रदेश में रहने वाले एस के रसीद को भारतीय टीम का उप कप्तान बनाया गया। भारतीय टीम टूर्नामेंट का फाइनल 5 फरवरी को होने वाला है।
यह अंडर-19 वर्ल्ड कप का 14वां सीजन है जिसमें लगभग 16 टीमें खेलेगी जो चार ग्रुप में बाढ़ दी जाएगी। इस समय भारत सबसे सफल टीम है। भारत ने 2000, 2008, 2012 एवं 2018 में लगभग 4 बार इस टूर्नामेंट का खिताब जीता था। यदि हम भारतीय टीम के शेड्यूल की बात करें तो भारतीय टीम अपना पहला मुकाबला 15 जनवरी को गयाना में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलने वाली है। इसके बाद 19 जनवरी को वह आयरलैंड एवं 22 जनवरी को युगांडा के साथ अपना मुकाबला करने वाली है। अब दिल्ली के यश ढुल पर यह जिम्मेदारी आ गई है कि वह इस बार भी यानी 2022 में भी भारत को खिताब दिलाएं।
यश ढुल भारतीय टीम के लिए कब खेलेंगे?
यश यूएई में होने वाला अंडर-19 एशिया कप में भारत के कप्तानी करने वाले हैं। वे विराट कोहली के साथ चलते नजर आएंगे। विराट कोहली भी 2008 में भारतीय अंडर-19 टीम में कप्तानी कर चुके हैं। विराट के कप्तानी के दौरान उन्होंने भारत के लिए विश्व कप जीता था। अब लोगों की यश से भी इसी जीत के लिए उम्मीद बनी हुई है।
भारतीय टीम में अंडर-19 एशिया कप के लिए कप्तानी करने का मौका मिलने पर यश ढुल ने टाइम्स ऑफ इंडिया में इंटरव्यू के दौरान अपने क्रिकेटर बनने की कहानी एवं इसके पीछे उनके परिवार का त्याग और संघर्ष के बारे में बताया है। यश ने अपने इंटरव्यू के दौरान यह कहा है कि बस मेरा कैरियर शुरू ही हो रहा है, और उन्होंने कहा अपने अंडर 16 दिनों से वह केवल दिल्ली का ही नेतृत्व करते हैं एवं उन्हें लगता है कि यदि वे पूरी ईमानदारी के साथ खेलते हैं तो वह जरूर ही 1 दिन एक अच्छे स्तर पर पहुंचेंगे।
यश धूल से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
यश ढुल ने दिल्ली में अंडर 14 एवं अंडर 16 के क्रिकेट मैच में कई बारी प्रेजेंट किया है। यश अपना क्रिकेट मैच दाहिने हाथ से खेलते हैं और जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि दाएं हाथ से खेलने वाले क्रिकेटर को अक्सर उत्तम दर्जे का क्रिकेटर माना जाता है।
यश युवा क्रिकेटरों में से सितंबर से अक्टूबर में आयोजित 2021-22 सीजन के वीनू माकन ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले क्रिकेटर में से एक थे। यश ने अपने करियर में डीडीसीए के लिए 75.50 के रन के साथ लगभग 5 मैचों के औसत के साथ 302 रन का एक बहुत बड़ा इसको बनाकर भारत की टीम को दिया था।
यश को दिल्ली का प्रतिनिधित्व करते हुए अंदर 16, अंडर-19 एवं भारत की यू अंडर-19 के टीम का नेतृत्व करने का एक बहुत बड़ा अनुभव है।
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निष्कर्ष
दोस्तों! आज हमने यश ढुल का जीवन परिचय Yash Dhull Biography in Hindi इस आर्टिकल के माध्यम से आपके सामने प्रस्तुत किया है एवं बताया है कि किस तरह उनके परिवार ने संघर्ष करके उन्हें कामयाबी एवं ऊंचाई तक पहुंचाया। यश ने भी बहुत मेहनत एवं लगन से इस कामयाबी को हासिल किया। हम उम्मीद करते हैं कि वह 2022 में होने वाले यूएई अंडर-19 के एशिया कप में भारत को जीत हासिल करें और हमारे देश का नाम ऊंचाइयों तक ले जाएं। यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आई हो तो इसे लाइक एवं शेयर करें ताकि और भी लोगों को यश ढुल की जीवनी के बारे में जानकारी मिल सके।
Q:- यश ढुल कौन हैं?
Ans: यश ढुल भारतीय क्रिकेट के अंडर-19 टीम के कप्तान हैं।
Q:-यश ढुल को अंडर-19 टीम की कप्तानी किस श्रृंखला के लिए सौंपी गई है?
Ans: यश ढुल को अंडर-19 विश्वकप के लिए भारत के अंडर-19 क्रिकेट टीम की कप्तानी सौंपी गई है।
Q:- अंदर-19 एशिया कप की शुरुआत कब से होनी है?
Ans: अंडर-19 एशिया कप की शुरुआत 23 दिसम्बर से होने वाली है। इसमें सम्मलित 20 खिलाड़ियों के टीम का नेतृत्व यश ढुल करेंगे।